Varanasi News: बाबा विश्वनाथ धाम की महिमा इन दिनों कॉरिडोर निर्माण के बाद से पूरे विश्व में व्याप्त हो चुकी हैं. इस बार के गणतंत्र दिवस की झांकी में यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे काशी विश्वनाथ की महिमा देखते को मिलेगी. काशी के काष्ठकला मजदूरों ने हूबहू काशी विश्वनाथ की छवि को रिप्लिका के तौर पर निर्मित की है. इसकी डिमांड सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव कि तैयारी कर रहे बीजेपी शासित राज्यों की तरफ से आ रही है. इस रिप्लिका को तोहफ़े के रूप में देकर बीजेपी चुनाव में जनता का धार्मिक रूप से अभिवादन करना चाह रही है.
काशी विश्वनाथ की रिप्लिका काशी के काष्ठकला मजदूरों द्वारा तैयार की जा रही है. काशी विश्वनाथ की छवि को आशीर्वाद स्वरूप हर घर में रखे जाने के लिए इसकी डिमांड खूब आ रही है. ऐसे में लकड़ी पर तैयार की जा रही ये रिप्लिका बीजेपी शासित राज्यों द्वारा भी खूब डिमांड में बनी हुई है. इसे जनता को तोहफे स्वरूप में देकर बीजेपी अपना जुड़ाव लोगों से और भी ज्यादा मजबूत कर रही हैं. जबसे पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया है तबसे काशी विश्वनाथ धाम और भी ज्यादा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है.
देश के पांच राज्यों में चुनाव है और खासकर यूपी चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. ऐसे में काष्ठकला के कारीगरों को खूब ऑर्डर मिल रहे हैं. इसे निर्मित करने के लिए, इसे बनाने वाले निर्माता बिहारी लाल अग्रवाल बताते हैं कि विश्वनाथ धाम कि रिप्लिका बनाने के दौारन सभी बारिकियों का ख्याल रखा गया है. जैसे मंदिर का सिखर, दिवारे, शिवलिंग और नंदी तक को हूबहू उसी तरह लकड़ी पर तैयार किया गया है. इसके पीछे उनकी बेटी समेत कुल 40 लोगों की टीम काम कर रही है.
विश्वनाथ मंदिर और धाम की कुल तीन-तीन साइज हैं, जो 4 हजार से शुरू होकर 20 हजार रुपए तक की हैं. जब से ये तैयार हुआ है तब से वाराणसी आने वाले लोग इसे खरीदकर अपने घरों में मंदिर में रखने के लिए खरीद रहे हैं. उन्होंने बताया कि डिमांड इतनी हो चुकी है कि आगे आने वाले एक साल तक के लिए बुकिंग हो चुकी है. जिसके लिए नए कारीगरों को भी काम सीखाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीजेपी पार्टी से भी इसकी डिमांड आई है और आर्डर मिल रहा है.
बिहारी लाल ने बताया कि अगर चुनाव में बीजेपी इसके जरिए प्रचार-प्रसार कर रही है तो इसमें हर्ज क्या है? क्योंकि जो कभी नहीं हो सका उसे किया गया. इसका फायदा बीजेपी को मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसके पहले रामजन्म भूमि का मंदिर भी लकड़ी पर उन्होंने उकेरा था, जिसमे लोगों ने काफी दिलचस्पी दिखाई थी.
रिपोर्ट- विपिन सिंह