Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई घटना को लेकर सोमवार को खूब हंगामा हुआ. दूसरी तरफ दोपहर में सरकार और किसान यूनियन के बीच समझौता हो भी गया. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने हुए समझौते और मुआवजे से जुड़े जरूरी बातों की जानकारी दी.
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एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया- लखीमपुर खीरी में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया गया है. घटना में घायल हुए लोगों को 10-10 लाख रुपए देने और हाईकोर्ट के रिटायर जज से मामले की जांच कराने का ऐलान भी किया गया. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया लखीमपुर खीरी में अभी धारा-144 लागू है. इसके कारण राजनीतिक दल का कोई नेता वहां नहीं जा सकतें हैं.
I demand that Rs 50 lakhs be given to the families of each BJP worker who were killed yesterday. The matter should be investigated either by CBI, SIT or by a sitting/retired judge and strict action be taken against the culprits: Union Minister Ajay Mishra Teni in Lakhimpur Kheri https://t.co/aSSy3PAvpT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 4, 2021
सरकार और किसान यूनियन के बीच समझौते को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का भी बयान आया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडे और तलवार से हमला किया गया. वीडियोज में दिख रहा है कि हमला करने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को बोलने कह रहे हैं कि मैंने किसानों पर हमला करने को कहा है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि उनके बेटे के ऊपर लगाए गए तमाम आरोप निराधार हैं. अगर मेरा बेटा वहां मौजूद होता तो उसकी हत्या कर दी जाती.
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लखीमपुरी खीरी में रविवार को हुई घटना में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मारे गए प्रत्येक बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजे के रूप में दिया जाए. इस मामले की जांच सीबीआई, एसआईटी या सिटिंग या रिटायर्ड जज से कराई जाए. वहीं, इस घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी जाना चाहिए.