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राजनीति से पहले शिक्षक थे मुलायम सिंह यादव, बच्चों को खूब भाता था उनका क्लास, 120 रुपये था वेतन

1963 के दौर में वो करहल के जैन इंटर कॉलेज के हाईस्कूल में हिंदी और इंटर के छात्रों को सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ाते थे. उस समय बतौर सैलरी मुलायम सिंह यादव 129 रुपये महीना पाते थे. 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया. वो तीन बार यूपी के सीएम रह चुके हैं.

समाजवादी पार्टी के संस्थापक, पूर्व रक्षा मंत्री और जन समुदाय में नेताजी के नाम से विख्यात मुलायम सिंह का आज यानी सोमवार को मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. लाखों लोगों की आंखों में आंसू छोड़ नेता इस दुनिया से रुखसत हो गये. पीएम मोदी से लेकर देश दुनिया के तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कहा कि ‘मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे.’ करीब तीन महीने पहले उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था.

मुलायम सिंह यादव जमीन से जुड़े नेता थे. काफी पढ़े-लिखे नेता थे मुलायम सिंह यादव. राजनीति में आने से पहले वो शिक्षक थे. मुलायम सिंह यादव बैचलर ऑफ टीचिंग करने के बाद इंटर कॉलेज में शिक्षण का कार्य शुरू किया था. 1963 के दौर में वो करहल के जैन इंटर कॉलेज के हाईस्कूल में हिंदी और इंटर के छात्रों को सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ाते थे. उस समय बतौर सैलरी मुलायम सिंह यादव 129 रुपये महीना पाते थे.

अलग ढंग से पढ़ाते थे मुलायम सिंह यादव: मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुलायम सिंह यादव छात्रों के चहेते शिक्षक थे. उनका क्लास में पढ़ाने का अंदाज अन्य शिक्षकों से बिल्कुल अलग था. किसी विषय को खूब रोचक बना देना उनकी आदत में शामिल था, और यही उनकी शिक्षण शैली भी थी. वह बच्चों की पिटाई के सख्त विरोधी भी थे. उनका मानना था कि पिटाई से बच्चों की बुद्धि का विकास रुक जाता है.

राजनीति में प्रवेश: पहले पहलवानी फिर शिक्षण उसके बाद राजनीति के शीर्ष पर पहुंचना. मुलायम सिंह यादव की जिंदगी के ये तीन अहम पड़ाव थे. मुलायम सिंह शिक्षक बन चुके थे, लेकिन उनके अंदर राजनीति को लेकर हमेशा से सॉफ्ट कार्नर रहा था. इसी कारण वो 1960 के दशक में उन्होंने लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. 1992 में मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी का गठन किया.वो तीन बार यूपी के सीएम रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने रक्षा मंत्री का भी पद संभाला है.

अगस्त में बिगड़ी सेहत: अगस्त में मुलायम सिंह यादव गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए. इसके बाद दो अक्टूबर को लो बीपी और ऑक्सीजन की कमी की शिकायत के बाद उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया. उसके बाद से उनकी सेहत लगातार गिरती गयी. वो जीवन रक्षक दवाओं पर थे. और 10 अक्टूबर 2022 को उनका निधन हो गया.

राष्ट्रपति समेत तमाम नेताओं ने जताया दुख: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. साधारण परिवार से आए मुलायम सिंह यादव जी की उपलब्धियां असाधारण थीं. उन्होंने कहा कि धरती पुत्र मुलायम जी जमीन से जुड़े दिग्गज नेता थे.

भाषा इनपुट के साथ

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