उत्तर प्रदेश के कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई हत्या मामले में अब भी आरोपी पकड़ से बाहर है. 48 घंटे बाद भी इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत अन्य आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वहीं अखिलेश यादव ने इस पर सवाल उठाया है.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘मनीष गुप्ता हत्याकांड’ में पुलिसवालों की गिरफ्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फरार नहीं हुए हैं उन्हें फरार कराया गया है. दरअसल कोई आरोपियों को नहीं बल्कि ख़ुद को बचा रहा है, क्योंकि इसके तार वसूली-तंत्र से जुड़े होने की पूरी आशंका है. ज़ीरो टालरेंस भी भाजपाई जुमला है.
‘मनीष गुप्ता हत्याकांड’ में पुलिसवालों की गिरफ़्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फ़रार नहीं हुए हैं उन्हें फ़रार कराया गया है। दरअसल कोई आरोपियों को नहीं बल्कि ख़ुद को बचा रहा है क्योंकि इसके तार ‘वसूली-तंत्र’ से जुड़े होने की पूरी आशंका है।
‘ज़ीरो टालरेंस’ भी भाजपाई जुमला है। pic.twitter.com/BBf4gLDJor
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2021
इन लोगों को बनाया गया है आरोपी– मनीष गुप्ता हत्याकांड में पुलिस की ओर से इंस्पेक्टर जेएन सिंह, उप निरीक्षक अक्षय सिंह, उप निरीक्षक विजय यादव सहित तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. इन लोगों के खिलाफ मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने आवेदन दिया था.
इससे पहले यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मनीष गुप्ता मामले की जांच की जा रही है. आने वाले दिनों में जांच कमेटी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने आगे कहा कि शुरूआत में जो जानकारी आई उसमें कहा गया कि मनीष गुप्ता के पास कागजात नहीं थे और जब पुलिस चेकिंग करने के लिए गई, तो वे भागने लगे और गिर गए.
इधर, घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मनीष गुप्ता के परिजनों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि सीबीआई जांच पर भी सीएम ने संस्तुति करने की बात कही है. वहीं केस को गोरखपुर से सरकार ने कानपुर में ट्रांसफर करने की बात कही है.