Bareilly News: उत्तर प्रदेश की 124 शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाने वाले विधायक डॉ.अरुण कुमार सक्सेना मंत्री पद के लिए भाजपा की पहली पसंद हैं. उनकी सादगी, साफ-सुथरी छवि भाजपा की यूपी-2 सरकार के लिए बेहतर मानी जा रही है.
हालांकि, बरेली में सीनियर विधायकों में पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह हैं. वह पांचवीं बार विधायक हैं. मगर, पिछली बार भाजपा की सरकार में सिंचाई मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले किसान/लोध जाति के धर्मपाल सिंह से इस्तीफा ले लिया गया था. जिसके चलते इस बार उनका मंत्री बनना मुश्किल माना जा रहा है. उनकी बिरादरी के बीएल वर्मा केंद्र में मंत्री भी हैं. इससे भी उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है.
बरेली में किसान-लोध जाति से मीरगंज विधायक डॉ. डीसी वर्मा भी हैं. वह दूसरी बार चुने गए हैं. उनका नाम भी मंत्री पद के लिए काफी चल रहा है. दलित चेहरे के रूप में फरीदपुर सुरक्षित सीट दूसरी बार विधायक बनने वाले डॉ. श्याम विहारी लाल भी हैं, लेकिन उनकी मंत्री पद की दावेदारी शाहजहांपुर की पुवायां सुरक्षित सीट से चौथी बार चुनाव जीतने वाले चेतराम और पीलीभीत की सुरक्षित सीट पूरनपुर एवं बरखेडा से चार बार विधायक बनने वाले बाबूराम पासवान की बजह से कमजोर हो गई है. जिसके चलते उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार-2 में शहर विधायक डॉ.अरुण कुमार सक्सेना की दावेदारी सबसे मजबूत है.
भाजपा ने बरेली की बिथरी चैनपुर और कैंट विधानसभा के विधायक का टिकट काटकर बिथरी से डॉ. राघवेंद्र शर्मा और कैंट में संजीव अग्रवाल को टिकट दिया था. इसके साथ ही नवाबगंज विधायक की कोरोना से मौत हो गई, जिसके चलते यहां डॉ. एमपी आर्य को टिकट दिया. यह तीनों विधायक पहली बार चुनाव जीते हैं.
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विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बहेड़ी के विधायक छत्रपाल सिंह को मंत्री बनाया गया था. वह सपा के पूर्व मंत्री अताउर्रहमान से चुनाव हार गए. इसके साथ ही भोजीपुरा में भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बहोरन लाल मौर्य सपा के पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम से चुनाव हार गए हैं. अगर, ये जीतते तो दोनों की दावेदारी सबसे मजबूत थी.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद