Noida News: सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर एपेक्स और सेयान को रविवार दोपहर को गिराए जाने के मद्देनजर नोएडा का स्वास्थ्य विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहा है, जो भारत में अब तक की सबसे ऊंची संरचना के ढहने के बाद उत्पन्न हो सकती है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के अलावा, तीन निजी अस्पताल भी किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में मरीजों को समायोजित करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं.
ट्विन टावरों के दो सबसे करीबी सोसाइटी-एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 5,000 से अधिक निवासियों को रविवार सुबह सात बजे तक निकाला जाएगा. उनके लगभग 2,700 वाहन भी परिसर से हटा दिए जाएंगे और निवासी अपने लगभग 150-200 पालतू जानवरों को भी साथ ले जाएंगे. लगभग 100 मीटर ऊंची संरचनाओं को गिराने में लगे भारतीय और विदेशी विध्वंसकों की एक टीम को छोड़कर, जुड़वां टावरों के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में एक निषेध क्षेत्र बनाया जाएगा, जहां किसी भी व्यक्ति या पशु को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Also Read: Twin Tower: मात्र 24 सेकेंड में सिलसिलेवार धमाकों के साथ इतिहास में धूल बन रह जाएगा नोएडा का ट्विन टावर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील शर्मा ने कहा, ‘मेडिकल टीम और दवाओं के साथ साइट पर छह एम्बुलेंस तैनात की जाएंगी. नोएडा के सेक्टर 30 में जिला अस्पताल के साथ जेपी अस्पताल, फेलिक्स अस्पताल और यथार्थ अस्पताल में लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी.’ विध्वंस के बाद किसी भी आवश्यक स्थिति में अस्पतालों में बिस्तर भी आरक्षित कर दिए गए हैं. सीएमओ ने कहा कि एम्बुलेंस व्यवस्था के नोडल अधिकारी डॉ. जयस लाल होंगे.
शर्मा ने कहा कि तीन निजी अस्पतालों और जिला अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं और वे अपने-अपने केंद्रों पर व्यवस्था का समन्वय करेंगे. सीएमओ ने कहा, ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नोएडा क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ सुनील अवाना और मैं नियंत्रण कक्ष से सभी गतिविधियों की निगरानी करेंगे.’ इससे पहले बुधवार को फेलिक्स अस्पताल ने किसी भी आपात स्थिति में विध्वंस के दिन 50 बेड आरक्षित करने की घोषणा की थी. फेलिक्स अस्पताल के निदेशक डॉ. डीके गुप्ता ने कहा, ‘आस-पास के निवासियों के बीच सात से 90 दिनों तक विध्वंस से उत्पन्न भारी धूल के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की संभावना है.’
Also Read: Noida Supertech Twin Towers: आखिर क्यों बारूद से उड़ाया जा रहा नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर, जानें सबकुछ
अस्पताल ने एक परामर्श भी जारी किया है, जिसमें आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों से मास्क, चश्मा पहनने, विध्वंस के मद्देनजर बाहर जाने से बचने, त्वचा पर मॉइस्चराइजर का उपयोग करने और आंखों में जलन होने पर डॉक्टर से परामर्श करने का आग्रह किया गया है. दिल्ली के मशहूर कुतुब मीनार से ऊंचे, नोएडा के सेक्टर 93 ए में बने एपेक्स और सेयान टावरों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में ध्वस्त कर दिया जाएगा. जांच में पाया गया था कि सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर में मानदंडों का उल्लंघन करके ये संरचनाएं बनाई गई थीं.
ट्विन टावर में विस्फोट के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया जा रहा है. इससे पहले, विध्वंस के लिए निर्धारित कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया था कि संरचनाओं को सुरक्षित रूप से ध्वस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे विध्वंस में छिटककर गिरने वाले मलबे को नियंत्रित करने के लिए की गई व्यवस्था से संतुष्ट हैं.
भाषा से इनपुट