Lucknow: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा एक जनवरी को काला दिवस मनाने की तैयारियों में जुट गया है. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने शनिवार को बताया कि देश के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) कार्मिकों के लिए 1 जनवरी 2004 को एनपीएस काला कानून व्यवस्था लागू की गई थी, जो कि एनपीएस कार्मिकों के हित में नहीं है.
संयुक्त मोर्चा विगत कई वर्षों से एक जनवरी को एनपीएस काला दिवस के रूप में मनाता है. इस मौके पर हम पुरानी पेंशन बहाली की आवाज बुलन्द करते हैं. इसलिए वर्ष 2023 का पहला दिन भी एनपीएस कार्मिक काला दिवस के रूप में मनाएंगे.
बीपी सिंह रावत ने कहा है कि जहां एक तरफ पूरा देश 1 जनवरी को नव वर्ष के रूप में मनाएगा, दूसरी तरफ देश के 75 लाख एनपीएस कार्मिक इस दिन एनपीएस काला कानून व्यवस्था का विरोध करेंगे. सभी लोग काली पट्टी बांध कर एनपीएस का पुतला दहन करते हुए विरोध प्रदर्शन के साथ पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे. राज्य एवं केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.
रावत ने कहा कि एनपीएस कार्मिक अपने बुढ़ापे के सहारे के लिए पुरानी पेंशन बहाली के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है. एनपीएस कार्मिकों में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, बैंक कर्मी, पुलिस कर्मी और रेलवे कर्मी सभी एनपीएस काला कानून व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं. पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए सड़कों पर हर रोज आवाज बुलन्द की जा रही है.
Also Read: UP Weather Update: पछुआ हवाओं का असर, नए साल में छाया रहेगा घना कोहरा, जानें, कैसा रहेगा आज का मौसम…
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब की तरह पूरे देश के कार्मिकों के हित में पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय करना चाहिए. एक जनवरी के कार्यक्रम के लिए देश के सभी एनपीएस कार्मिकों, सभी संगठनों के पदाधिकारी प्रमुख रूप से कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करेंगे.