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नव वर्ष 2023: साल के पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, दर्शन पूजन कर मांगी सेहत-खुशहाली

नए साल के पहले दिन लोगों ने मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन किया और भगवान से उन्नति और खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा. राजधानी लखनऊ सहित सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.

Lucknow: नए साल के पहले दिन रविवार होने के कारण लोगों की खुशी में कई गुना इजाफा हो गया. लोगों ने परिवार सहित मंदिरों में दर्शन पूजन किए और भगवान से बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख शांति की कामना की. कोरोना के संभावित खतरे को लेकर लोगों ने प्रार्थना की, कि नया वर्ष पिछले वर्षों की तरह दहशत में न गुजरे और ईश्वर अपनी कृपा बनाएं रखें. प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, चित्रकूट और अन्य प्रमुख स्थलों पर सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही.

लखनऊ में सुबह से ही लोगों ने किये दर्शन पूजन

राजधानी लखनऊ में साल के पहले दिन हजरतगंज स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर और लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने स्थि​त हनुमान सेतु में बड़ी संख्या में लोग दर्शन को पहुंचे और रामभक्त का आशीर्वाद लिया. इसके अलावा चंद्रिका देवी सहित अन्य प्रमुख देवी मंदिरों में भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन पूजन को पहुंचे.

अयोध्या में गुलाबी-लाल वस्त्र में रामलला दे रहे दर्शन

अयोध्या में नए साल के पहले दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग रामलला के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे. रामलला ने भक्तों को गुलाबी-लाल वस्त्र में दर्शन दिए. उन्हें विशेष भोग भी अर्पित किया गया. नव वर्ष पर मंदिर को फूलों से सजाया गया है. रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक आज लाखों भक्तों के रामलला के दरबार में आने की उम्मीद की जा रही है. सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है.

50 लाख लोगों के आने की संभावना

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के दर्शनमार्ग व निकासी मार्ग पर भी प्रसाद वितरण के इंतजाम किए हैं. इसी तरह सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी, कनकभवन में भी भीड़ उमड़ी रही.अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों की रिपोर्ट के आधार पर हम नए साल के पहले दिन अयोध्या में लगभग 50 लाख लोगों का प्रबंध करने के लिए तैयार हैं. हमने इसके लिए विशेष इंतजाम किए हैं.

बांकेबिहारी के दर्शन को उमड़ी भीड़, इत्र का किया गया छिड़काव

साल के पहले दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी महाराज के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे. अपने आराध्य के दर्शनों को सुबह से ही मंदिर के बाहर लाइन लग गई. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की गली में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही और लोग नए साल में भगवान के दर्शनों के लिए लोग आतुर दिखे. मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर श्रद्धालु लंबी लाइन में खड़े रहे. अपने आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज के श्री चरणों में नववर्ष मनाने की अभिलाषा लिए भारी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे. यहां व्यवस्थाओं को संभालने के लिए मंदिर के बाहर और अंदर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. मंदिर को रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया है. मंदिर में सुगंधित इत्र का छिड़काव भी किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक शनिवार को लगभग एक लाख से अधिक भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए.

बाबा विश्वनाथ के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु, अस्सी घाट पर विशेष आरती

वहीं नए साल के मौके पर वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी भीड़ जुटी है. मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई है. शीतलहर के बीच प्रदेश के अन्य पिकनिक स्थलों पर भी लोग पहुंचे हैं और नए साल के पहले दिन को खास बना रहे हैं. वाराणसी के अस्सी घाट पर रविवार की सुबह नए साल के लिए खास आरती भी की गई है. श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आज वीआईपी दर्शन नहीं हो रहे हैं. मंदिर प्रशासन ने सभी तरह के टिकट बंद कर दिए हैं और प्रोटोकॉल को भी प्रतिबंधित कर दिया है.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि आज भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं, वहीं प्रोटोकॉल भी प्रतिबंधित है. बताया कि मंदिर परिसर में पूर्व की भांति किसी भी गेट से मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह प्रतिबंधित है. जो दर्शनार्थी जिस प्रवेश द्वार से प्रवेश कर रहा है, उसकी निकासी भी उसी दिशा में की जा रही है. इसके लिए मंदिर प्रशासन ने चारों ओर बैरिकेडिंग की है.

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मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक में जा रहे हैं. इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन कर रहे हैं. गंगा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी मंदिर के पूर्वी द्वार पर बाबाको जल चढ़ा रहे हैं. सरस्वती फाटक की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी गर्भ गृह के दक्षिणी द्वार पर और ढुंढिराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा को जल चढ़ा रहे हैं.

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