उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जो सरकार पंचायत चुनाव नहीं करा पा रही है वह प्रदेश कैसे चला पायेगी. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, उप्र में भाजपा सरकार ने बिना नये चुनाव कराये ‘ग्राम पंचायतें’ भंग कर दी हैं. बड़े-बड़े चुनाव तो हो रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अपने को अक्षम बता रही है, ऐसी सरकार उत्तर प्रदेश क्या चलाएगी.
उप्र में भाजपा सरकार ने बिना नये चुनाव कराये ‘ग्राम पंचायतें’ भंग कर दी हैं। बड़े-बड़े चुनाव तो हो रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अपने को अक्षम बता रही है, ऐसी सरकार उप्र क्या चलाएगी।
भाजपा लोकतंत्र की बुनियाद पर चोट न करे।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 27, 2020
अखिलेश ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, भाजपा की एक प्रवक्ता ने जिस प्रकार एक राष्ट्रीय चैनल के पटल पर किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों की मौत को नकारा है, वो अपमानजनक व घोर निंदनीय है. भाजपा इसके लिए देशभर के किसानों से माफ़ी माँगे. जैसे-जैसे भाजपा की ज़मीन खिसक रही है, वो और भी दमनकारी होती जा रही है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की सरकार पर निशाना साधते हुए एक बयान में कहा, केंद्र की भाजपा सरकार किसानों से बातचीत की पेशकश भी कर रही है और आंदोलनकारी किसानों पर तरह-तरह के अनर्गल आरोप भी लगा रही है. उन्होंने कहा कि यह अपने अधिकारों के लिए सड़क पर बैठे किसानों का अपमान है. बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, “भाजपा भाजपा अपने प्रिय पूंजीपति मित्रों का समर्थन करते हुए ऐसे रास्ते पर चल पड़ी है जो किसान, मजदूर एवं निम्न मध्यम वर्ग के खिलाफ जाता है.
सरकार किसान सम्मान की नाम मात्र धनराशि देने की आड़ में काले कृषि कानून लागू कर उनका हजारों-लाखों का नुकसान करना चाहती है.” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि देश में जबसे भाजपा की सरकारें बनी हैं तबसे किसानों के लिए संकट के हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा किसान आंदोलन भाजपा सरकार की विफलता का जीता जागता उदाहरण है और इस आंदोलन में सपा किसानों के साथ खड़ी है .
इस बीच, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर अलग-अलग जिलों के विभिन्न गांवों में ‘समाजवादी किसान घेरा अभियान’ के तीसरे दिन भी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों तथा जिलों के पदाधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि इस दौरान पार्टी नेताओं ने गांवों में अलाव जलाकर चौपाल लगाई और किसानों के बीच उनकी समस्याओं पर चर्चा की. चौधरी ने बताया कि पिछली 25 दिसंबर से शुरू किया गया यह कार्यक्रम एक दिन में एक-दो गांवों का चयन कर चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है.