Gorakhpur Metro News : गोरखपुर में मेट्रो के निर्माण के लिए काफी तेजी से फैसले लिए जा रहे हैं. इसी क्रम में प्रदेश के मुखिया और गोरखपुर से अपना राजनीतिक कॅरियर रखने वाले योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि ‘गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट’ के फेज-1 को मंजूरी मिल गई है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है
गोरखपुर में 'मेट्रो सेवा' आरंभ करने की प्रक्रिया तीव्र गति से बढ़ रही है। इसी कड़ी में पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की बैठक में 'गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट' के फेज-1 हेतु अप्रूवल मिल गया है।
सभी को बधाई!
आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 1, 2021
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने ट्वीट में लिखा है, ‘गोरखपुर में ‘मेट्रो सेवा’ आरंभ करने की प्रक्रिया तीव्र गति से बढ़ रही है. इसी कड़ी में पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की बैठक में ‘गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट’ के फेज-1 हेतु अप्रूवल मिल गया है. सभी को बधाई! प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार…’
लाइट मेट्रो सड़क के पैरेलल जमीन पर होती है. इसका स्टेशन बस स्टैंड की तरह तैयार होता है. लाइट मेट्रो में तीन या चार कोच होते हैं. एक कोच में सौ यात्री सफर करते हैं. यह सड़क पर ही चलती है. जहां पर जगह ना हो तो उस जगह एलिवेटड रूट तैयार किया जाता है. इसके स्टेशन भी छोटे होते हैं. कम आबादी या छोटे शहरों में कम्युटर की सहूलियत के लिए केंद्र सरकार ने लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट तैयार की है.
लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट में काफी समानताएं मेट्रो की तरह हैं. लेकिन, इसमें सारी सुविधाएं मेट्रो की तरह नहीं होती हैं. लाइट मेट्रो लाइन के ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगाए जाते हैं. भीड़भाड़ वाले इलाकों में ओवरहेट रूट तैयार किया जाएगा. ट्रेन की लंबाई के एक तिहाई हिस्से में प्लेटफॉर्म पर शेड लगेगा. इसमें एक्सरे स्कैनर, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट, कनकोर्स जैसी सुविधाएं नहीं होंगी. एलिवेटेड रूट पर ओवरहेट स्टेशन बनते हैं. इसमें एक ही एंट्री और एग्जिट गेट होता है. लाइट मेट्रो में सफर के दौरान नियम तोड़ने पर आम मेट्रो से ज्यादा जुर्माना लगाने की बातें भी सामने आई है.
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