UP Election 2022: समाजवादी पार्टी ने विधान सभा चुनाव की वैतरणी को पार करने करने के लिए परशुराम के वंशजों पर भरोसा जताया है. ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम को मैदान में उतार दिया है.
इसी का परिणाम है कि पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, विनय शंकर तिवारी और भाई गणेश शंकर पांडेय अपने हजारों समर्थकों संघ रविवार को साइकिल पर सवार हो गए. इस एक दांव से ही अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उनके ही गढ़ में घेरेबंदी कर दी है.
समाजवादी पार्टी 2022 विधानसभा चुनाव में नए समीकरण के साथ मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटी है. एक तरफ वह छोटे से छोटे दलों को अपने साथ लाने में जुटी है तो वहीं जातीय समीकरण साधने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है.
दोबारा सत्ता के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश ने ब्राह्मण नेताओं को अपने साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की है. इसको सफल बनाने के लिए सपा के ब्राह्मण नेता विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व कैबिनेट मंत्री अभि़षेक मिश्र, मनोज पांडेय, पूर्व विधायक सनातन पांडेय और संतोष पांडेय लगे हैं.
इस टीम की कवायद का नतीजा है कि हरिशंकर तिवारी का कुनबा सपा के साथ जुड़ गया है. अखिलेश यादव के खास साथी अयोध्या से विधायक रहे पवन पांडेय भी ब्राह्मण नेताओं को साधने की मुहिम में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.
सपा की ब्राह्मणों को अपने पक्ष में लाने की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम की 108 फिट ऊंची मूर्ति पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे लगाने की घोषणा की है। गौरतलब है कि यूपी में ब्राह्मण समाज की जनसंख्या लगभग 12 प्रतिशत है.
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