Bareilly News: लोक निर्माण विभाग (PWD) ने शहर के मिनी बाईपास के निर्माण के लिए किसान प्रेमशंकर की 3900 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण वर्ष 2001 में किया था. मगर, प्रेमशंकर को पीडब्ल्यूडी ने मुआवजा नहीं दिया. पीडब्ल्यूडी किसान की कृषि भूमि को सीलिंग मानती रही, जबकि खतौनी में किसान का नाम दर्ज था. किसान ने काफी कोशिश की, लेकिन मुआवजा नहीं मिला.
पीडब्ल्यूडी से पीड़ित किसान जमीन के मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट चला गया. उसने पीडब्ल्यूडी की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस याचिका में एसएलओ को भी पार्टी बनाया गया है. हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान सर्किल रेट का दोगुना मुआवजा देने का आदेश दिया है. इससे वर्तमान में मुआवजे की रकम करीब 27 करोड़ हो गई है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने भुगतान की प्रक्रिया तेज कर दी है. हालांकि, मुआवजा पीडब्ल्यूडी को देना है, जिसके चलते पीडब्ल्यूडी मुआवजा देने की कवायद में जुट गया है. मगर, इस फैसले से किसान के परिजन काफी खुश हैं. इसके साथ ही बड़ा बाईपास के कुछ किसानों का भी मुआवजा काफी समय से अटका है, लेकिन इस फ़ैसले से बड़ा बाईपास के किसानों में भी उम्मीद जागी है. इस मामले में एसएलओ से जानकारी लेने की कोशिश की गई. मगर, फोन पर सम्पर्क नहीं हो सका.
किसान ने बताया कि हाईकोर्ट की बेंच ने इस मामले में 10 मई की तारीख दी है. 10 मई को सुनवाई होगी. मगर, इससे पहले प्रशासन और पीडब्ल्यूडी को मुआवजे की भुगतान प्रक्रिया को पूरा कर जवाब दाखिल करना है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद