Aligarh News: सभी को हंसा-हंसाकर लोटपोट करा देने वाले गजोधर भैया यानी राजू श्रीवास्तव बेशक इस दुनिया में नहीं रहे मगर राजू श्रीवास्तव का अलीगढ़ से बहुत गहरा नाता था. उनके संघर्ष के समय में अलीगढ़ की दो हस्तियों ने उन्हें सहारा दिया और आगे बढ़ने में साथ दिया था. एक बार अलीगढ़ आने पर राजू श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा था, ‘बचपन में स्कूल टीचर ने नकल करने पर डांटने की बजाय शाबाशी देते हुए कहा था कि ईमानदारी से कोशिश करो. उसी दौरान अमिताभ बच्चन की दीवार और शोले फिल्म देखकर मिमिक्री करना शुरू किया. धीरे-धीरे सब होता चला गया.’
हास्य के क्षेत्र में नाम कमाने वाले राजू श्रीवास्तव का जब शुरुआती संघर्ष काल था, तब वह इतने परेशान हो गए थे कि वह वापस कानपुर अपने घर लौटने का मन बना चुके थे. स्क्रिप्ट राइटर मनोज संतोषी के साथ रामघाट जाते समय मीडिया से बातचीत में राजू ने बताया था कि 1982 से 87 के बीच काफी संघर्ष के बाद भी काम नहीं मिला तो घर लौटने का मन बना लिया था.
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वर्ष 2018 में अलीगढ़ आए राजू श्रीवास्तव ने यह रहस्योद्घाटन किया था कि शुरुआती संघर्ष के परेशानियों के दिनों में अलीगढ़ की दो हस्तियों ने ने सहारा दिया और आगे बढ़ाने का काम किया. एक थे अलीगढ़ के कव्वाल शंकर-शंभू, जिन्होंने राजू श्रीवास्तव को अपने पास सहारा दिया. दूसरी हस्ती थे संगीतकार रवींद्र जैन, जिन्होंने राजू श्रीवास्तव को दूरदर्शन की एंकर तबस्सुम से मिलवाया था. इसके बाद उन्हें काम मिलना शुरू हुआ और वह हास्य के बेताज बादशाह बन गए.
डीएमजी फ़िल्म प्रोडक्शन के ऑनर पंकज धीरज ने बताया कि अलीगढ़ नुमाइश में लाफ्टर किंग राजू श्रीवास्तव दो बार कोहिनूर मंच से दर्शकों को ठहाके लगवा चुके हैं. वे यहां 2013-14 व 2016-17 की नुमाईश में आमंत्रित किये गए थे, तभी राजू श्रीवास्तव का अलीगढ़ नुमाइश में आना हुआ था.
रिपोर्ट : चमन शर्मा