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Dussehra: आगरा में रावण को मिला वनवास, भगवान राम के इंतजार में बीते 11 साल, जानें कब पूरी होगी मनोकामना

Dussehra 2022:आगरा में एक ऐसा रावण है जो 11 साल से वनवास झेल रहा है. भगवान राम ने उसे तीर मारा, लेकिन वह मरा ही नहीं. आगरा में होने वाली रामलीला के रावण की भी कहानी कुछ ऐसी ही है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

Agra News: हम सभी जानते हैं कि, भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष के वनवास पर गए थे. लेकिन आगरा में एक ऐसा रावण है जो 11 साल से वनवास झेल रहा है. भगवान राम ने उसे तीर मारा, लेकिन वह मरा ही नहीं. शायद ये जानकार आप चौक जाएं. आगरा में होने वाली रामलीला के रावण की भी कहानी कुछ ऐसी ही है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

2023 में होने वाली रामलीला में खत्म होगा वनवास

दरअसल, जिले के आगरा किला के सामने स्तिथ रानलीला मैदान में सालों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है. जिसमें रामायण के सभी पात्र अपना किरदार बखूबी निभाते हैं. लेकिन उसी रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले रावण को 11 साल का वनवास झेलना पड़ा और अब उनका वनवास 2023 में होने वाली रामलीला में खत्म होगा.

8 पीढ़ियों से परिवार निभा रहा है रावण का किरदार

आगरा में होने वाली उत्तर भारत की सुप्रसिद्ध रामलीला में पिछली 8 पीढ़ियों से रावण का किरदार एक ही परिवार के लोग निभा रहे हैं. सर्वप्रथम उनके परिवार में रावण बनने वाले उस्ताद कालीचरण उसके बाद लिक्खी खलीफा, उस्ताद सांवलिया, प्यारेलाल चौधरी, शालिग्राम नत्थी लाल (राजू के पिता), उस्ताद लीलाराम (राजू के चाचा) और इसी परिवार के वीरेंद्र उर्फ राजू रावण भी हर साल अपने परिजनों की तरह रामलीला में रावण का किरदार निभाते थे.

राजू रावण के किरदार को किया जाता है पसंद

राजू रावण के किरदार को बखूबी पसंद किया जाता था. लेकिन पिछले 11 साल से राजू रावण इस किरदार के लिए वनवास झेल रहे हैं और हर दशहरे पर राजू रावण को पुलिस प्रशासन द्वारा नजरबंद कर दिया जाता था. हालांकि, पिछले 3 साल से उनके साथ ऐसा नहीं हो रहा है.

अनबन बनी वनवास का कारण

रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले राजू रावण ने बताया कि, वर्ष 2011 में रामलीला में मौजूद कमेटी से कुछ अनबन हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने रामलीला में ना मरने का फैसला लिया. उन्होंने रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों से साफ कह दिया कि वह इस रामलीला में नहीं मरेंगे जिसके बाद कमेटी में हड़कंप मच गया.

कमेटी के लोगों ने राजू रावण को रामलीला के मंचन से बाहर कर दिया और वहीं दूसरी तरफ उनके घर पर पुलिस का बंदोबस्त कर दिया गया. ताकि उनकी तरफ से हर साल होने वाली रामलीला में कोई भी व्यवधान ना पड़े. राजू रावण बताते हैं कि हर दशहरे पर उनके घर पर पुलिस पहुँचती थी और उन्हें नजरबंद कर दिया जाता था लेकिन पिछले 3 साल से ऐसा नहीं हो रहा है.

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राजू रावण ने बताया कि उन्होंने कई बार रामलीला में रावण का किरदार निभाने के लिए कमेटी से कहा, लेकिन कमेटी ने कभी भी उन्हें मौका नहीं दिया. पिछले 11 साल से वह रामलीला में रावण बनने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं उनका कहना है कि इस बार श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष उत्तर विधानसभा के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल बने हैं, और उन्होंने राजू रावण को 2023 की रामलीला में रावण बनने का न्योता दिया है. इसलिए करीब 11 साल के वनवास को तोड़ते हुए वह अगले साल फिर से रावण बनेंगे और अपने परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस प्रथा को निभाएंगे.

बता दें, जहां एक तरफ राजू रावण के परिवार के लोग सालों से रावण का किरदार निभा कर लोगों को आनंदित कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनका कहना है कि रावण का दहन होने के बाद वह अपने घर में विधि विधान से रावण के स्वरूप का अंतिम संस्कार करते हैं, और 13 दिन बाद रावण की तेरहवीं का भी आयोजन करते हैं. जिसमें रामलीला में मंचन करने वाले करीब 200 से ढाई सौ लोगों को वह भोजन भी कराते हैं.

रिपोर्ट- राघवेंन्द्र गहलोत

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