Varanasi Ropeway Project: कैंट स्टेशन से गिरिजाघर के बीच प्रस्तावित 4.5 किलोमीटर लंबे रोपवे परियोजना में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत निजी कंपनियों के रुचि नहीं दिखाने के बाद अब नए सिरे से इसका डीपीआर तैयार कराया जा रहा है. इसमें बजट के साथ ही जनोपयोगी बनाने के लिए नए रूटों पर भी अध्ययन किया जा रहा है.
इसमें कैंट से साजन तिराहा होते हुए रोपवे को नई सड़क से गिरिजाघर पहुंचाने का अध्ययन किया जा रहा है. कारण, कैंट से रथयात्रा होते हुए गोदौलिया जाने वाले यात्रियों की बहुत कम संख्या के आधार पर यह निर्णय किया गया है. दरअसल, रोपवे की नई डीपीआर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक मैनजमेंट कंपनी के अधिकारी वाराणसी पहुंच गए हैं.
वाराणसी शहर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना रोपवे के रूट से लेकर एलामेंट तक तय करने में नए सिरे से सर्वे शुरू हो गया है. विकास प्राधिकरण के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने नए सिरे से डीपीआर बनाने के लिए लीडार, ड्रोन और जीपीएस सर्वे शुरू किया है. अब तक के अध्ययन के आधार पर रोपवे के रूट में परिवर्तन की संभावना बन रही है. फिलहाल, रूट तय करने के लिए एलामेंट आदि पर भी अध्ययन किया जा रहा है.
सहयोग के लिए विकास प्राधिकरण की एक नई टीम भी गठित की गई है. यहां बता दें कि कैंट से गिरिजाघर के बीच बने रोपवे रूट की निविदा पर किसी भी कंपनी ने रूचि नहीं दिखाई है. ऐसे मेें केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनजमेंट कंपनी लिमिटेंड को अब सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है. विकास प्राधिकरण ने करीब दो करोड़ रुपये खर्च कर वैपकास कंपनी से रोपवे के लिए सर्वे कराया था.
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भारत सरकार की ओर से निर्धारित कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनजमेंट कंपनी लिमिटेड के सूचीबद्ध होने के बाद भी नई कंपनी का चयन किन कारणों से किया गया. इसके साथ ही विकास पर करोड़ों खर्च के बावजूद जीरो रिजल्ट पर भी मंथन किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनजमेंट कंपनी लिमिटेंड की ओर से सर्वे शुरू कर दिया गया है. एक सप्ताह में किसी भी निर्णय की उम्मीद है. विकास प्राधिकरण की ओर से रोपवे सर्वे के लिए टीम का गठन कर सर्वे में सहयोग दिया जा रहा है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह