Lucknow News: समाजवादी पार्टी (सपा/SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया है. अब वे करहल से विधायक बने रहेंगे. बीते कई दिनों से इस बात को लेकर चर्चा थी कि वे या तो लोकसभा सदस्य के पद से या यूपी विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देंगे. उन्होंने हाल ही में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक का पद हासिल किया था. ऐसा करने के साथ ही उन्होंने यूपी सरकार बनाने के लिए शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे योगी आदित्यनाथ के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं.
करहल से जीत हासिल करने के साथ ही यह सवाल खड़ा हो गया था कि अब या तो उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना होगा या विधायक पद से. कयास लगाए जा रहे थे कि वह करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे. मगर मंगलवार को उन्होंने अचानक ही संसद पहुंचकर लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसी के साथ यह भी स्पष्ट हो गया कि अब वे प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय बने रहेंगे.
इसी के साथ उन्होंने करीब-करीब यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका को निभाएंगे. इस संबंध में 26 मार्च को सपा के सभी नव निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई है. पहले इस पद के लिए उनके चाचा और इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए शिवपाल सिंह यादव का नाम चल रहा था. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष का पद अंतत: किसे मिलेगा, यह तो 26 मार्च को होने वाली बैठक के बाद ही घोषित किया जाएगा. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़कर 5 सांसद बने थे. इसके बाद सपा नेता आजम खां पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसी क्रम में मंगलवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस्तीफा दे दिया है. अब लोकसभा में सपा के तीन सांसद वर्तमान में अपना पक्ष रखेंगे.