Kanpur News: सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें हैं कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 19 दिसंबर को सोलंकी से मिलने जेल पहुंचे थे. पूर्व सीएम के निकलते ही इरफान के खिलाफ एक और नई धारा में FIR दर्ज हो गई. इसके बाद उनकी जेल बदलने का भी फरमान आ गया. फिलहाल, सोलंकी को महराजगंज जेल में शिफ्ट करने के लिए रवाना कर दिया गया. इस संबंध में मंगलवार को विशेष सचिव ने डीजी कारागार को निर्देश जारी किया था.
इरफान सोलंकी के मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नर ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए आवेदन दिया था. जेल बदली के फ़रमान आते ही बुधवार की सुबह इरफान को अब कानपुर जेल से 450 किलोमीटर दूर महराजगंज जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच सोलंकी को कानपुर से रवाना किया गया है.
दरअसल, विशेष सचिव सुरेश कुमार पांडेय की तरफ से पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा को पत्र भेजा गया था. पत्र में लिखा था कि विधायक को महराजगंज जेल में शिफ्ट करने की अनुमति दी जाए. अनुमति मिलने पर सपा विधायक को महराजगंज जेल के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया गया. सपा विधायक को कानपुर कारागार से महराजगंज शिफ्ट करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गईं. बता दें कि शासन से निर्देश के बाद जेल अधीक्षक ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर फोर्स मांगी थी.
जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि, इरफान के खिलाफ महिला का घर फूंकने के मामले में जाजमऊ थाने में FIR दर्ज है. दूसरा मामला सोलंकी के खिलाफ ग्वालटोली थाने में फर्जी आधार कार्ड के सहारे हवाई यात्रा करने को लेकर दर्ज है. पुलिस ने दोनों मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. अब कानपुर के पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने सोमवार को ही आवेदन पत्र के माध्यम से जिला एवं सेशन न्यायाधीश और मुख्य महानगर न्यायाधीश के समक्ष मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लेकर उसकी तेजी से सुनवाई करते हुए इसके तुरंत निपटारा किए जाने का अनुरोध किया है.
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सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर से महराजगंज जेल शिफ्ट करने के लिए रवाना कर दिया गया हैं. महराजगंज से कानपुर की दूरी करीब 450 किमी है. ऐसे में ये सफर करीब 6 घंटे का माना जा रहा है. इस दौरान प्रोटोकॉल के हिसाब से ये काफिला कहीं रुकेगा नहीं. इस काफिले में 5 गाड़ियां शामिल की गई हैं.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर