Indian Railway Child Ticket: भारतीय रेलवे (Indian Railway) का नाम दुनिया की सबसे बड़े रेल नेटवर्क की लिस्ट (Biggest Rail Network) में आता है. हर दिन करोड़ों की संख्या में यात्री ट्रेन से सफर करते हैं. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल होते हैं.वहीं रेलवे अभी तक पांच साल तक के बच्चों किराया नहीं लेता था पर अब नियम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. रेलवे ने उन छोटे बच्चों के रिजर्वेशन की बुकिंग शुरू कर दी है जो अब तक निशुल्क यात्रा करते थे.
वहीं इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 1 साल के बच्चों पर फ़ुल रेल टिकट लगाने वाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाइए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा. रेल अब ग़रीबों की नहीं रही. अब जनता भाजपा की फ़ुल टिकट काटेगी.
बता दें कि अब तक पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का टिकट बनाते समय यह विकल्प देना होता है कि पूरी बर्थ लेंगे या फिर नहीं. बर्थ लेने पर ही पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का पूरा किराया पड़ता है. जबकि बर्थ न लेने पर किराया आधा ही देना होता है. अब एक से चार वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए भी रेलवे ने टिकट बुकिंग शुरू कर दी है. पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम ने एक से चार वर्ष तक की उम्र के बच्चों के नाम भरने के बाद बर्थ न लेने का कोई विकल्प ही नहीं रखा है.
दरअसल अब तक अगर आप ट्रेन में किसी 5 से 12 साल तक के बच्चे के साथ ट्रैवल कर रहे हैं तो आपको ऐसी स्थिति में आधा किराया देना होता था. मगर आप अगर लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं और आपको बच्चे के लिए पूरा वर्थ रिजर्व करना है तो आपको इसके लिए पूरा शुल्क देना होता है.