21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Politics: शिवपाल को अखिलेश के साथ खास तस्वीर का इंतजार, इस तरह पहुंचाई अपनी बात, मिलेगा जीत का तोहफा..

शिवपाल यादव ने खास मौके के लिए ट्विटर पर कवर फोटो की जगह खाली छोड़ी है. इसमें अभी सिर्फ हरे रंग का बैकग्राउंड नजर आ रहा है. सियासी जानकारों के मुताबिक इस तरह शिवपाल यादव ने कुछ न कहकर भी अखिलेश को एक तरह से अपने वादे की याद दिलाई है.

Lucknow: सियासत में अपनी बात पहुंचाने, मनवाने और जताने के कई तरीके होते हैं. जरूरी नहीं हर बात खुलकर कही जाए. कई बार तो स्पष्ट तौर पर कुछ कहने के बजाय संदेशों के जरिए अपनी बात स्पष्ट तौर पर जाहिर की जाती है.

उपचुनाव के दौरान दिए गए संकेत

उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर शिवपाल यादव ने कई बार अपने रिश्ते और सियासत को लेकर इसके संकेत दिए. मैनपुरी में धमाकेदार जीत के बाद अब शिवपाल यादव ने भी अपनी ओर से ऐसा ही संकेत देकर काफी कुछ कहने की कोशिश की है.

शिवपाल अब तक नहीं पहुंचे सपा मुख्यालय

डिंपल यादव की जीत के बाद शिवपाल यादव ने प्रसपा का सपा में विलय से लेकर अपनी गाड़ी और घर पर सपा का झंडा लगा लिया है. वहीं उनकी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का कार्यालय भी आधिकारिक तौर पर खत्म होकर कैंप दफ्तर में बदल गया. शिवपाल यहीं समर्थकों से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन, लखनऊ आने के बाद से लेकर अभी तक उन्होंने सपा प्रदेश मुख्यालय का रुख नहीं किया है.

कवर फोटो के लिए छोड़ी जगह खाली

इसी बीच उन्होंने ट्विटर से अपने बायो से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) हटाकर खुद को समाजवादी पार्टी के नेता के तौर पर जरूर ‘स्थापित’ कर लिया है. हालांकि, ट्विटर पर शिवपाल के कवर फोटो की जगह अब भी खाली है और उसके लिए वह किसी खास तस्वीर का इंतजार कर रहे हैं. ये पहला मौका है, जब शिवपाल यादव ने इस तरह कवर फोटो की जगह खाली छोड़ी हुई है.

इस वजह से नहीं हो पाई चाचा भतीजे की मुलाकात

राजनीतिक विश्लेषक इसे शिवपाल यादव के खास संकेत से जोड़कर देख रहे हैं. दरअसल शिवपाल यादव भले ही मैनपुरी उपचुनाव में जीत के बाद लखनऊ आ गये थे. लेकिन अखिलेश यादव नई दिल्ली चले गये थे, क्योंकि डिंपल यादव को लोक सभा की सदस्यता ग्रहण करनी थी. इसके बाद बुधवार को वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता केसीआर के साथ उनकी पार्टी कार्यालय के उद्घाटन में शामिल हुए. बीआरएस का कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी में सरदार पटेल मार्ग पर बनाया गया है. माना जा रहा है कि अब लखनऊ में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात होगी, जिसमें चाचा को नई जिम्मेदारी सौंपने का ऐलान किया जाएगा.

शिवपाल यादव को है इस घड़ी का इंतजार

संभवत: शिवपाल यादव ने इसी खास मौके के लिए ट्विटर पर कवर फोटो की जगह खाली छोड़ी है. इसमें अभी सिर्फ हरे रंग का बैकग्राउंड नजर आ रहा है. सियासी जानकारों के मुताबिक इस तरह शिवपाल यादव ने कुछ न कहकर भी अखिलेश को एक तरह से अपने वादे की याद दिलाई है. दरअसल अखिलेश मैनपुरी में जीत का बाद चाचा शिवपाल यादव को पार्टी में जिम्मेदारी सौंपने का बयान दे चुके हैं.

इसके बाद शिवपाल यादव के कभी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तो कभी पार्टी संगठन में राष्ट्रीय महासचिव से लेकर अन्य जिम्मेदारी मिलने की अटकलें लगायी जा रही हैं. हालांकि पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर अब तक कुछ नहीं कहा गया.

Also Read: UP Politics: मायावती बोलीं- व्यापारी वर्ग आंदोलन को मजबूर, सरकार जीएसटी कलेक्शन बढ़ने पर खुश

इस बीच सपा नेताओं का इतना जरूर कहना है कि निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं, ऐसे में शिवपाल यादव के संबंध में पार्टी अध्यक्ष जल्द निर्णय कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपेंगे. या यूं कहा जाए कि मैनपुरी में मिली जीत का तोहफा देंगे, जिससे इन चुनाव में भी पार्टी पूरे दमखम और आत्मविश्ववास से उतर सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें