श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह को हटाकर वह जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद जज ने अगली सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तारीख तय की है.
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर ठाकुर केशवदेव महाराज की ओर से किए गए दावे के मामले में सुनवाई के लिए आज दो प्रतिवादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी अदालत में उपस्थित हुए .
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गौरतलब है कि ठाकुर केशवदेव महाराज के नाम से उनके भक्तों ने 23 दिसंबर, 2020 को दीवानी जज (प्रवर वर्ग) नेहा बधौतिया की अदालत में अजी देकर 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी के बीच हुए समझौते को अवैध बताया है और इस संबंध में अदालत से जारी डिक्री को निरस्त करने तथा श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह को वहां से हटाकर उक्त भूमि मंदिर ट्रस्ट को वापस करने का अनुरोध किया है.
दावा है कि जन्मभूमि परिसर में जहां ईदगाह है, एक वक्त पर उस जगह पर ठाकुर केशवदेव महाराज (भगवान कृष्ण) का मंदिर हुआ करता था. अदालत ने ठाकुर के भक्तों महेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा वकीलों के माध्यम से दी गई अर्जी स्वीकार कर ली है और शुक्रवार को इसपर पहली सुनवाई हुई थी.
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मामले में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव कपिल शर्मा और शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी के सचिव तनवीर अहमद अदालत में उपस्थित हुए. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में अदालत में स्वीकार किए गए इस दूसरे मामले में भी वही चार लोग प्रतिवादी हैं जो जिला अदालत में चल रहे मामले में हैं. जिला अदालत में रंजना अग्निहोत्री ने आवेदन दिया हुआ है. तरकर ने बताया, जिला जज यशवंत कुमार मिश्रा की अदालत में भी मामले की सुनवाई 19 फरवरी को ही होनी है.