Lucknow News: स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए वृहद स्तर पर अभियान की शुरुआत की गई. इसमें, सिंगल यूज प्लास्टिक (100 माइक्रॉन से कम) के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर लगे प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू किया गया है. यह अभियान एक महीने तक चलेगा. इस बीच प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों एवं प्रवर्तन दल द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों के मध्य समन्वय स्थापित कर सघन जांच अभियान चलाया जाएगा.
राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा की ओर से आदेश जारी किया गया है कि नगर विकास विभाग द्वारा समस्त निकायों को 25 सितंबर 2022 तक वृहद स्तर पर अभियान का आयोजन करना है. इससे प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध को धरातल पर पूरी तरह से लागू करने के लिए शुरू किया जा रहा है. दरअसल, पाया गया है कि अब भी बाजारों में बैन किए जा चुके सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में धरती को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबंध का आदेश लाने के बाद भी इसका इस्तेमाल होना चिंता का विषय है. इसी वजह से इस अभियान को चलाकर सख्त संदेश देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी की गई है.
इस अभियान के तहत निकायों के स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक (100 माइक्रॉन से कम) के निर्माण, बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए कार्यवाही की जाएगी. साथ ही, राज्य मिशन निदेशालय की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निकायों को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की जब्ती के आधार पर विश्लेषण कर राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा. निर्देश दिए गए हैं कि SUP Compliance Monitoring Portal पर निकाय सीमांतर्गत प्लास्टिक की निर्माण यूनिट, विक्रेता और इनका इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता का निरीक्षण कर फील्ड इस्पेक्शन एप (Field Inspection App) पर भरा जाना है. SUP Public Grievance App (एसयूपी पब्लिक ग्रीवांस एप) पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निवारण निकायों द्वारा शिकायत प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर कराया जाना है. शिकायत के निस्तारण के बाद निकाय की ओर से रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.