Agra News: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएएमएस की कॉपियां बदलने के मामले में एसटीएफ ने अपनी जांच तेज कर दी है. साथ ही एसटीएफ का कहना है कि बीएएमएस प्रकरण की जांच के बाद विश्वविद्यालय में किए गए अन्य फर्जीवाड़ों की भी जांच की जाएगी. इसमें B.Ed घोटाला मुख्य रूप से है. हालांकि, B.Ed घोटाले की एसआईटी ने जांच की थी, लेकिन अभी तक दोषियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगरा विश्वविद्यालय में 2004-5 के सत्र के B.Ed में करीब साढे 4000 से अधिक छात्र फर्जीवाड़े में फंसे थे. किसी ने अपनी अंक तालिका में नंबर बढ़वा लिए थे तो कई छात्र फर्जी अंकतालिका के आधार पर शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक भी बन गए थे. इस पूरे मामले की जांच एसआईटी ने की थी, जिसमें 4656 अभ्यर्थियों में से 3635 की अंक तालिका फर्जी मिली थी.
इसके अलावा, 1021 की अंक तालिका में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों अधिकारियों की सांठगांठ से चार्ट में नंबर बढ़वा लिए गए थे. लेकिन अभी तक दोषियों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में बीएएमएस प्रकरण के बाद इस मामले की भी एसटीएफ गहनता से जांच करेगी.
एसटीएफ के एसपी राकेश यादव ने बताया कि, सर्वप्रथम मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बीएएमएस की उत्तर पत्रिकाओं के बदलने की जांच की जा रही है. इसमें 14 कॉलेज अभी रडार पर आए हैं. ऐसे में इसकी जांच चरणबद्ध तरीके से पूरी होने के बाद बीएड और अन्य मामलों की जांच भी की जाएगी.
विश्वविद्यालय के बीएएमएस विभाग की कॉपियां बदलने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कॉपियों को ले जाने वाले टेंपो चालक देवेंद्र और फिरोजाबाद के डॉक्टर अतुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं इस मामले में फरार मुख्य सरगना राहुल पाराशर को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दी जा रही हैं. थाना हरी पर्वत में इस मामले में 2 मुकदमें अब तक दर्ज हो चुके हैं. एसटीएफ की टीम ने कॉपियों की जांच पड़ताल के लिए एक्सपर्ट की टीम को लगाया है. साथ ही जांच की आंतरिक रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है.
वहीं, एसटीएफ ने बताया कि बीएएमएस की कॉपियां छलेसर कैंपस में रखी गई हैं और इसकी जिम्मेदारी एजेंसी को सौंपी गई है. ऐसे में एजेंसी के पास हमारी टीम के पांच एक्सपर्ट को निगरानी के लिए लगा दिया गया है जोकि बीएएमएस की कॉपियों की जांच कर रहे हैं, और देख रहे हैं कि जिन कॉपियों में एक से उत्तर लिखे हुए हैं और छात्रों की कॉपियों से अलग हस्तलेख मिल रहा है उन सभी को बारीकी से देखा जा रहा है.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, (आगरा)