Agniveer Bharti In Agra: ताजनगरी में तमाम युवक-युवतीं सेना में भर्ती होने के लिए अग्निवीर की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में जिन युवाओं ने अपने शरीर पर कहीं भी टैटू बनवा रखे हैं उनको हटवाने के लिए वह आगरा के कई स्किन डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं. दरअसल, सेना में भर्ती होने से पहले शरीर पर किसी भी टैटू के होने की मेडिकल जांच की जाती है. अगर उसके शरीर पर टैटू होता है तो उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया जाता है. इस टैटू को हटवाने का प्रॉसेस भी करीब 6 से 7 महीने का है.
आजकल युवाओं में अपने शरीर पर टैटू बनवाने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में टैटू बनाने का व्यवसाय भी जोर पकड़ रहा है. चाहे युवा हो, युवती हो या कोई महिला व पुरुष सबमें टैटू बनवाने का काफी क्रेज दिखाई दे रहा है. कहीं न कहीं शरीर पर टैटू बनवाना एक स्टाइल सिंबल के तौर पर भी देखा जा रहा है. शहर में तमाम ऐसे स्थान हैं जहां पर आपको कोई न कोई टैटू की दुकान जरूर मिल जाएगी. जहां पर युवक-युवती व महिला पुरुष अपने शरीर पर टैटू गुदवाने के लिए रोजाना दर्जनों की संख्या में पहुंचते हैं. लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अब टैटू लगवाना काफी महंगा भी हो गया है. एक छोटे से टैटू के लिए लोगों को करीब 500 से 1000 रुपये चुकाने पड़ते हैं.
वहीं, दूसरी तरफ जो युवक-युवती सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं. उनके लिए शरीर पर गुदवाया गया टैटू मुश्किल खड़ी कर सकता है क्योंकि सेना में जब भर्ती के लिए कोई युवा या युवती जाते हैं तो भर्ती प्रक्रिया में की जाने वाली मेडिकल जांच में शरीर पर टैटू होने के चलते उस युवक व युवती को भर्ती से बाहर कर दिया जाता है. टैटू की वजह से ही युवक व युवती को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. सेना में इस समय अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐसे में तमाम युवक व युवती सेना में भर्ती होने के लिए तैयारियां करते हुए दिखाई देते हैं. तमाम ऐसे युवक व युवती भी हैं जिन्होंने अपने शरीर पर टैटू गुदवा रखा है.
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में तैनात स्किन डॉक्टर यतेंद्र चाहर ने बताया कि पिछले कुछ समय से कई युवक-युवती अपने शरीर से टैटू हटवाने के लिए आ रहे हैं. उनमें अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जो सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे हैं और टैटू की वजह से उनकी भर्ती प्रक्रिया रद्द हो सकती है. इस वजह से वह यहां टैटू हटवाने के लिए पहुंच रहे हैं. कई लोग ऐसे भी होते हैं जो टैटू की वजह से स्किन एलर्जी व इससे होने वाली बीमारियों से ग्रसित हो गए हैं. ऐसे में वे टैटू हटवाने के लिए यहां पर पहुंच रहे हैं.
डॉ यतेंद्र चाहर ने बताया कि टैटू लगाने वाले दुकानदार कई तरह के केमिकल का प्रयोग करते हैं. इस वजह से स्किन की बीमारी व स्किन टीबी के रोग से युवक-युवती ग्रसित हो जाते हैं. हमारे यहां आने पर टैटू हटाने की प्रक्रिया में लेजर विधि का प्रयोग किया जाता है. लेजर द्वारा महीने में एक बार सिटिंग (टैटू पर लेजर से लाइट मारने की प्रक्रिया) की जाती है. इस प्रक्रिया को करीब 6 से 7 महीने तक लगातार करना होता है. इसके बाद शरीर से टैटू का चिन्ह धीरे-धीरे गायब हो जाता है. उन्होंने बताया कि लेजर विधि द्वारा टैटू हटाने की प्रक्रिया के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है.
स्पेशल रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत