Lucknow News: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की रिक्त 11 सीटों के लिए मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी. सभी 11 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन होगा. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मंगलवार तक 12 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्दलीय मौनी फलहारी बापू का पर्चा प्रस्तावक नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया गया. इस वजह से अब 11 सीटों के लिए उतने हीर उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है. इनमें से 8 भाजपा के और 3 सपा के उम्मीदवार हैं.
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उन्होंने अपनी पार्टी की तीनों सीट पर दूसरों को मौका दे दिया. इनमें से एक सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी के नाम कर दी. दूसरी सीट, निर्दलीय राज्यसभा का चुनाव लड़ रहे पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल को दे दी. वहीं, तीसरी सीट पर उन्होंने पार्टी के पुराने नेता रहे जावेद अली खान को अवसर दिया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवारों में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, गोरखपुर सदर सीट से पूर्व विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूराम निषाद, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष दर्शना सिंह, पूर्व विधायक संगीता यादव, सपा से भाजपा में आये राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर और पूर्व विधायक मिथिलेश कुमार शामिल हैं.
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हर दो साल में होने वाले राज्यसभा के चुनावों के लिए अधिसूचना 24 मई को जारी की गई थी. इसके साथ ही नामांकन शुरू हो चुके हैं. 31 मई तक लोग नामांकन दाखिल कर सकते थे. 1 जून को नामांकन पत्रों की जांच की गई थी. 3 जून तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकते हैं. 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी और उसी दिन शाम 5 बजे मतगणना भी कराई जाएगी. 13 जून को चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
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