कोरोना वायरस संक्रमण के एक बार फिर बढ़ते प्रसार को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद सक्रिय है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलाधिकारियों को कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति का आंकलन करके जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्देश जारी कर दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में कोविड प्रोटोकाॅल का काफी सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इसी बीच लगातार बढ़ते मामलों को देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से तत्काल ही नया प्लान बनाने का निर्देश दिया . इसके तहत मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को जिले में कोरोना की स्थिति का गहन आकलन करने के बाद अपने स्तर से जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक बार फिर बढ़ते प्रसार को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. इसमें कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए जिला प्रशासन को स्थानीय प्रतिबंध लागू करने को अधिकार दिया गया है. अगर मामला गंभीर हो रहा है तो इसमें रात्रि कर्फ्यू भी शामिल है.
गाइडलाइन एक दिसंबर से अग्रिम आदेश तक राज्य में लागू रहेगी. कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए मुख्य सचिव की ओर से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जिलाधकारी स्थानीय परिस्थितियों का आकलन करते हुए रात्रि कर्फ्यू भी घोषित कर सकते हैं. सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए धारा 144 लगाने का भी निर्देश दिया गया है.
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मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कोरोना की गाइड लाइन जारी करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है. यहां कोरोना के सक्रिय केस में निरंतर कमी आ रही है, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह में राज्य के कुछ क्षेत्रों में सक्रिय केस में वृद्धि होने के भी संकेत मिले हैं. त्यौहार के सीजन के साïथ ही ठंड और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही की वजह से कुछ क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण बढऩे के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में पूरी सावधानी बरतने की जरुरत है.
मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस और नगरीय निकाय प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन करके कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने तथा स्थानीय स्तर पर कुछ प्रतिबंध लगाने के लिए उत्तरदायित्व देने की आवश्यकता है. लिहाजा परिस्थितियों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर जिला तथा पुलिस प्रशासन निर्णय ले सकेंगे. वैसे तो केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर प्रदेश में कहीं लॉक डाउन नहीं लगाया जा सकेगा, लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए स्थानीय प्रतिबंध लागू किया जा सकेगा. इसमें रात्रि कफ्र्यू भी शामिल है.
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 3,704 लोग लखनऊ में हैं. इसके बाद मेरठ में 2,381, गाजियाबाद में 1,443, गौतमबुद्धनगर में 1,193, कानपुर में 1,167, वाराणसी में 1,059 और प्रयागराज में 810 एकिटव केस हैं. इन जिलों में बीते एक महीने रोगी बढ़े हैं. यही कारण है कि नवंबर में मरीजों की संख्या घट नहीं पाई. वहीं 42 जिलों में 200 से कम रोगी हैं और हाथरस में सबसे कम 42 मरीज हैं. अब तक कुल 5.41 लाख रोगी मिल चुके हैं और इसमें से 5.09 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं. अब तक 7,742 रोगियों की मौत हुई है और अब 24,575 एक्टिव केस हैं.
मुख्य सचिव ने कहा कि सर्विलांस टीम को प्रत्येक मकान की सघन निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं. निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना की टेस्टिंग के निर्देश भी दिये गये हैं. गाइडलाइन में पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की सूची (कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग) तैयार किए जाने के निर्देश दिये गये हैं. इसके संक्रमित के चिन्हांकन, ट्रेसिंग, क्वॉरेंटाइन तथा 14 दिनों तक निरंतर अनुश्रवण की कार्यवाही की जाएगी. अब किसी के भी पॉजिटिव मिलने पर 72 घंटे के अंदर ही 80 प्रतिशत संपर्क चिन्हित करने को कहा गया है. इसके अलावा कोविड-19 मरीजों को तत्काल आइसोलेट करते हुए उपचार शुरू किया जाएगा. जरुरत के हिसाब से हॉस्पिटल में भर्ती कर उपचार के साथ सतत निगरानी भी की जाए.
Posted by: Thakur Shaktilochan