Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली के बिथरी चैनपुर विकास खंड की मोहनपुर ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव पर एक विशेष सियासी पार्टी के समर्थन को लेकर काफी समय से आरोप लग रहे थे. मगर, उनकी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले इस मामले को लेकर शिकायत हो गई. जिसके चलते ग्राम विकास अधिकारी को डीसी मनरेगा कार्यालय से अटैच कर दिया गया.
अटैच होने के बाद ग्राम विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत के खाते से रातों-रात 09 लाख रुपये निकाल लिए. डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने शिकायत मिलने के बाद आरोपी ग्राम विकास अधिकारी से बैंक स्टेटमेंट और खर्च से जुड़े अभिलेख मांगे थे. मगर, वह नहीं दिखा पाए. इसको लेकर सीडीओ ने आरोपी ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया.
दरअसल, ग्राम पंचायत मोहनपुर बरेली की बड़ी आबादी वाली ग्राम सभा है. यहां के विकास के लिए बड़ी धनराशि आवंटित होती है. इसलिए ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव लंबे समय से तैनात थे. मगर, कुछ समय से उनकी एक विशेष सियासी पार्टी का समर्थन करने को लेकर अफसरों से शिकायत हो गई. बीडीओ चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने शिकायतों के बाद डीसी मनरेगा कार्यालय से ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव को अटैच कर दिया.
मगर, अटैच होने के बाद रातों-रात ग्राम पंचायत के खाते से 09 लाख निकाल लिए. इस मामले में डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार तक शिकायत पहुंची. इसके बाद डीपीआरओ ने आरोपी ग्राम विकास अधिकारी से बैंक के स्टेटमेंट के साथ ही धनराशि से जुड़े अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. इसके लिए समय भी दिया गया था. मगर, निर्धारित समय के अंदर ग्राम विकास अधिकारी ने अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए.
उपनिदेशक पंचायत महेंद्र सिंह और डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने ग्राम पंचायत का निरीक्षण किया. उनको काफी खामियां मिली. इसकी रिपोर्ट डीपीआरओ ने सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग को दी. डीपीआरओ की रिपोर्ट पर सीडीओ ने गुरुवार को आरोपी ग्राम विकास अधिकारी आलोक यादव को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही मोहनपुर के ग्राम प्रधान पर पर भी विकास कार्यों को लेकर शिकायत हैं. उस पर भी जल्द कार्रवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद