Lucknow: यूपी में उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जारी प्रयासों के क्रम में शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) और राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (Gen VK Singh) के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस मौके पर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) और राज्य मंत्री बृजेश सिंह भी मौजूद थे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बीते साढ़े 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है. 2017 तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले इस प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग भी 05 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं. बॉर्डर एरिया कनेक्टिविटी में आशातीत सुधार हुआ है. यह सड़कें प्रगति का माध्यम हैं. भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का सहयोग प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा है.
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प्रदेश के सामाजिक, सामरिक और आर्थिक महत्व की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने नई परियोजनाओं की जरूरत बताई और कहा कि भारत सरकार यदि प्रदेश में नए राजमार्गों/ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं की शुरुआत करती है तो राज्य सरकार की ओर से शासकीय भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी बस स्टेशनों के नवनिर्माण के लिए एनएचएआई का सहयोग लेना चाहती है. चरणबद्ध रूप से सभी 75 जिलों के बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है. एनएचएआई इसे पीपीपी मोड में डेवलप कर सकता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुये अधिकारियों को प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये.
बैठक में तय हुआ कि केंद्रीय मंत्रालय, एनएचएआई और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभाग हर महीने परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे. वाराणसी की तर्ज पर गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, बुंदेलखंड और सोनभद्र में रोप-वे निर्माण परियोजना पर भी चर्चा हुई. जिस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सभी जरूरी सहयोग करने का आश्वासन दिया.
कुंभ 2025 से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा में प्रतापगढ़-सुल्तानपुर-अयोध्या राज्य राजमार्ग के चार लेन चौड़ीकरण का प्रस्ताव पर सहमति दी गयी. राष्ट्रीय राजमार्ग 24-बी के रायबरेली-प्रयागराज सेक्शन में अत्यधिक ट्रैफिक व धार्मिक पर्यटन क्षेत्र होने के कारण आगामी कुंभ से पहले इसे चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए आवश्यक परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये.
सीएम योगी ने प्रदेश में अधिक से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थापना की जरूरत बताते हुए कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी, वाराणसी-कोलकाता और गोरखपुर-बरेली कॉरिडोर को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल किया जाना प्रदेश की तरक्की को नई उड़ान देने वाला होगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग ₹1,000 करोड़ की लागत से 12 रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की नई परियोजना की जानकारी दी.
सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निर्मित अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं. लेकिन प्रदेश के सामाजिक एवं सामरिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए नेपाल बॉर्डर से सटे जनपदों से शुरू कर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जनपदों को जोड़ते हुए देश में व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों, यथा बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों व खनिज बाहुल्य क्षेत्रों से जोड़ना जरूरी है.
प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों के लिए रिंगरोड/बाईपास मार्ग की आवश्यकता है. भारत सरकार और प्रदेश सरकार के संबंधित विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में हुई इस बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से गोसाईंगंज-बनी-मोहान मार्ग, सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा मार्ग, टूंडला-एटा-कासगंज राज्यमार्ग, चंदौसी-मुरादाबाद-फर्रुखाबाद राज्यमार्ग, नैमिषारण्य-गोला गोकर्णनाथ-माता पूर्णागिरि-शाहजहांपुर-फर्रुखाबाद सहित विभिन्न मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्ताव रखा गया.
केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर समीक्षा बैठक की। उत्तर प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित सभी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर इस बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। pic.twitter.com/toCo8JXFCc
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) October 8, 2022