उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (up panchayat election 2021) को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रहीं हैं. फाइनल वोटर लिस्ट की बात करें तो यह 22 जनवरी को जारी किया जाएगा. पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav)के लिए आरक्षण सूची तैयार करने का काम किया जा रहा है जिसका संभावति उम्मीदवारों को इंतजार है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में 1995 से 2015 के बीच सभी 496 ग्राम पंचायतों के आरक्षण का ब्योरा पंचायती राज विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने का काम पूरा किया जा चुका है. खबरों की मानें तो इस बार पंचायत चुनाव में आरक्षण मैनुअल के बजाए विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से तय करने की तैयारी है.
आरक्षण सूची का सबको इंतजार : यहां चर्चा कर दें कि इस बार यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले लोग आरक्षण सूची का इंतजार कर रहे हैं. इसकी वजह हम आपको बताते हैं. दरअसल इसी के आधार पर तय होगा कि किस जाति का उम्मीदवार किस गांव में अपनी दावेदारी करने का काम काम करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि गांव यदि आरक्षण के दायरे में आता है तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं होंगे. यदि गांव महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया तो वहां से कोई पुरुष पर्चा नहीं भर सकेगा.
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कहां होता है विवाद : गौर हो कि पंचायत चुनाव की खास बात यह है कि यूपी में सर्वाधिक विवाद सीटों के आरक्षण तय करने में फंसता नजर आता है. हर सीट पर प्रत्येक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के मकसद से साल 1995 से चक्रानुक्रम आरक्षण व्यवस्था को लागू करने का काम किया गया था. ऐसा देखा गया है कि जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित हुई उसके अगले चुनाव में उसे छोड़, दूसरे वर्ग को वह सीट मिलनी चाहिए. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि राजनीतिक या फिर स्थानीय दबाव में एक वर्ग को ही सीटें आरक्षित करने का काम कभी कभी किया जाता है जिस वजह से विवाद पैदा हो जाता है.
पंचायती राज महकमा है सजग : पिछले चुनावों में हुए विवादों से पंचायती राज महकमा सजग हो चुका है. यहीं वजह है कि इस बार इसके लिए पंचायत चुनाव-2020 नाम से साफ्टवेयर अपलोड करने का काम किया गया है. साल 1995-2015 के बीच सभी ग्राम पंचायतों की आबादी सहित आरक्षण के ब्यौरे अपलोड कराये गये हैं.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना : पिछले दिनों पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह कह चुके हैं कि 15 फरवरी को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दिया जाएगा जिसके बाद मार्च के अंत या फिर अप्रैल के पहले सप्ताह में ग्राम पंचायत के चुनाव करवाने का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद क्षेत्र पंचायत और फिर जिला पंचायत का चुनाव करवाने पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मई में त्रिस्तरीय चुनाव सम्पन्न करा लिये जाएंगे. आबादी के हिसाब से आरक्षण का ध्यान पंचायत चुनाव में रखा जाएगा.
Posted By : Amitabh Kumar