उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (up panchayat election 2021) का ऐलान अभीतक नहीं हुआ है. प्रत्याशी जहां आरक्षण लिस्ट (reservation list) का इंतजार कर रहे हैं. वहीं भाजपा (BJP) ने इस चुनाव को लेकर कमर कस ली है. एक ओर किसान आंदोलन तो दूसरी तरफ पंचायत चुनाव (Panchayat Election 2021) को देखते हुए भाजपा के नेता और कार्यकर्ता लगातार वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के मद्देनजर मंडल (ब्लॉक) स्तरीय बैठकों के जरिये अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं और इन बैठकों का सिलसिला तीन फरवरी तक जारी रहेगा. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पंचायत चुनाव के लिए संगठन के प्रभारी बनाए गए विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने को बताया कि पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए तीन फरवरी तक मंडल स्तरीय बैठकों का सिलसिला चलेगा और प्रदेश के सभी 1,600 संगठनात्मक ग्रामीण मंडलों में ये बैठकें आयोजित होंगी.
आगे उन्होंने बताया कि पार्टी इन बैठकों के जरिये पंचायत चुनाव की रणनीति को आम कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सहारनपुर जिले के हरि कॉलेज गांगलहेड़ी में पिछले दिनों आयोजित मंडल बैठक में शामिल होकर यह अभियान शुरू किया. राज्य में विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी समेत लगभग सभी राजनीतिक दलों ने पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी का एलान किया है, लेकिन भाजपा नेताओं ने बैठकों और दौरों की शुरुआत भी कर दी है.
पिछले हफ़्ते उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने कई सत्रों में चली बैठकों में पंचायत चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया और संगठन से लेकर सरकार तक, सभी प्रमुख लोगों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की.
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हुई है और न ही सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई है, लेकिन भाजपा ने इस चुनाव के लिए ग्राम सभा स्तर तक अपना संगठनात्मक ढांचा बना दिया है. पाठक के मुताबिक, प्रदेश के सभी 75 जिलों में 3,051 जिला पंचायत वार्ड हैं और हर वार्ड में पार्टी की ओर से एक संयोजक की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा सभी 826 ब्लॉकों में भी भाजपा के संयोजक बनाए गए हैं. राज्य की 58,194 ग्राम सभाओं में भी भाजपा ने संयोजकों की तैनाती की है.
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राज्य में निकट भविष्य में होने वाला पंचायत चुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास होगा. उत्तर प्रदेश में अगर समय पर पंचायत चुनाव होता, तो 25 दिसंबर से पहले सभी ग्राम सभाओं में नए ग्राम प्रधान चुन लिए गए होते, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते यह चुनाव प्रभावित हुआ और इसमें देरी हो गई. अब मतदाता सूची जारी कर दी गई है. भाजपा पंचायत चुनाव में किन पदों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है.
इस संदर्भ में पाठक ने बताया कि जिला पंचायत सदस्यों के सभी पदों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत के सदस्यों के पद पर अभी फैसला नहीं हुआ है और यह बाद में तय किया जाएगा कि पार्टी इन पदों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी या नहीं. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्नों पर नहीं लड़े जाते, लेकिन राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्यों के उम्मीदवारों को खुला समर्थन देकर मैदान में उतारते हैं और जिला पंचायत सदस्य ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित किए जाते हैं.
ब्लाक प्रमुखों का कार्यकाल 17 मार्च को समाप्त होना है, जबकि जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल 13 जनवरी को ही समाप्त हो गया है.
Posted By : Amitabh Kumar