उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है लेकिन इन्हें आरक्षण लिस्ट का इंतजार बेसब्री से है. यहीं वजह है कि ये प्रचार में लगे हुए तो हैं मगर पूरा जोर नहीं लगा रहे हैं. नई आरक्षण सूची (Panchayat Chunav reservation list) के इंतजार में उम्मीदवार हैं जिसको लेकर ताजा अपडेट ये आई है कि इसके लिए अभी उन्हें कुछ और इंतजार करना होगा.
इस संबंध में उत्तरप्रदेश के संसदीय एवं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पिछले दिनों कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थित स्पष्ट हो जाएगी. प्रदेश के सुलतानपुर में शुक्ला पहुंचे थे जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिला कार्यालय में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए ये बात कही.
आरक्षण सूची का इंतजार क्यों जानें : यहां चर्चा कर दें कि इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले लोग आरक्षण सूची का इंतजार कर रहे हैं. इसकी वजह हम आपको बताते हैं. दरअसल इसी के आधार पर तय होगा कि किस जाति का उम्मीदवार किस गांव में अपनी दावेदारी करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि गांव यदि आरक्षण के दायरे में आता है तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे. यदि गांव महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया तो वहां से कोई पुरुष पर्चा भरने में सक्षम नहीं होगा.
वोटर लिस्ट : इधर उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के लिए होने वाले मतदान को लेकर वोटर लिस्ट पिछले दिनों जारी किया गया है. इस बार करीब 12 करोड़ 28 लाख वोटर अपने उम्मीदवारों का चयन करेंगे. सूबे में इस बार होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट के आंकड़े जारी करने का काम किया है. पंचायतों की इस नई वोटर लिस्ट पर नजर डालें तो इसमें कुल 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 वोटर दर्ज दिख रहे हैं.
नई गाइडलाइंस : चुनाव को लेकर जारी नई गाइडलाइंस पर नजर डालें तो पहली बार पंचायत चुनाव में भी निर्वाचन आयोग सख्ती दिखलाते नजर आने वाला है. इस बार उम्मीदवारों को पाई-पाई का हिसाब देना होगा. उम्मीदवारों के प्रचार में खर्च करते वक्त समझदारी दिखानी होगी. आयोग ने चुनावी खर्च की लिमिट बहुत कम करने का काम इस बार किया है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted BY : Amitabh Kumar