UP Panchayat Election Result 2021: यूपी पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Election 2021) में वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी. 11 बजे के बाद से रुझान भी आने शुरू हो जाएंगे. पूरी मतगणना में 40 से 60 घंटे लग जाएंगे. ऐसे में अंतिम परिणामआने तक वोटों की गिनती जारी रहेगा. बता दें कि, यूपी में तेजी से पांव पसारते कोरोना महामारी के बीच पंचायत चुनाव संपन्न हुए है. जिसकी मतों की आज गिनती हो रही है. ऐसे में मतगणना सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का खास ख्याल रखा जा रहा है. वोट गिनने में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया है जिनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
कब कब हुई वोटिंगः उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया 28 अप्रैल को ही खत्म हो गयी थी. चार चरणोंमें हुए चुनाव में पहले चरण में 15 अप्रैल को वोटिंग हुई, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे और फाइनल चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग हुई. वोटिंग के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से ख्याल रखा गया.
इतने उम्मीदवारों के भाग्य का आज होगा फैसलाः बता दें, राज्य में चारों चरणों में हुए चुनाव में ग्राम पंचायत प्रधान के लिए 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 तथा जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए वोटरों ने अपने मत डाले हैं. हालांकि, इनमें से कुछ पदों पर निर्विरोध निर्वाचन भी हो गया है. और बाकी के लिए आज वोटों की गिनती की जारी है.
फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दी मतगणना की इजाजतः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हालांकि निर्विरोध संपन्न हो गया. लेकिन इस चुनाव को कोर्ट की कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के मतगणना केंद्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरे तरीके से पालन किए जाने के आश्वासन के बाद ही उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में मतगणना की इजाजत दी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई.
विजय जुलूसों पर पूरी पाबंदीः इधर, चुनाव में जीत के बाद किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को विजय जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुएविजय जुलूस निकालने की मनाही रहेगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले ही साफ कर दिया है कि विजय जुलूस प्रतिबंधित होंगे. और कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा कोई जलसा निकालेगा तो उसके खिलाफ धारा-188 और आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा-51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
Posted by: Pritish Sahay