Amrit Sarovar Yojana in UP: जल संरक्षण और संचयन के मुख्य उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी अमृत सरोवर योजना के उत्तर प्रदेश में बहुत ही सार्थक व सकारात्मक परिणाम निखर कर सामने आ रहे हैं. अमृत सरोवरों के विकास में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में शुरू किये गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत सरोवरों का विकास पूरे देश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कराया जा रहा है. इसमें उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है.
पहले चरण में प्रत्येक जिले में 75 तालाबों को अमृत सरोवरों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके क्रम में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 5625 अमृत सरोवरों के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इस बहुपयोगी व बहुद्देशीय कार्य की महत्ता को परखते हुए उत्तर प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में प्रति ग्राम पंचायत कम से कम दो अमृत सरोवरों (कुल लगभग 1 लाख 20 हजार) के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इस दिशा में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जो उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग के भी मंत्री हैं, के दिशा-निर्देशन में सभी जरूरी पहलुओं पर मंथन किया गया. इसके बाद लिए गए निर्णयों को ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ठोस व प्रभावी कार्ययोजना बनाते हुते रणनीति तैयार की गयी. जिलों को दिशा-निर्देश भेजे गये.
स्वतंत्रता दिवस पर 7500 अमृत सरोवरों का विकास करते हुये वहां पर झण्डारोहण करने का निर्णय लिया गया, जिसके सापेक्ष प्रदेश में 8288अमृत सरोवरों का विकास करते हुये वहां झण्डारोहण किया गया. लबालब पानी से भरे इन अमृत सरोवरों पर आजादी का जश्न मनाया गया और तिरंगे लहराये गये.इन अमृत सरोवरों पर स्वतंत्रता सेनानी एवं इनके परिवारजन, शहीदों के परिवारजन, पद्म पुरूस्कार विजेता अथवा ग्राम पंचायत के सबसे वृद्ध व्यक्ति द्वारा ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया गया. अमृत सरोवर पानी से इस तरह लबालब हैं कि मानो अमृत सरोवरों में अमृत धारा लौटी हो.
अमृत सरोवर के विकास में भारतवर्ष में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है. दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश हैं, जहां 1535 अमृत सरोवरों का विकास किया गया है. उत्तर प्रदेश में 15392 अमृत सरोवर विकसित करने हेतु चिन्हित किये गये हैं , और आगे की प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी है.8288 अमृत सरोवर विकसित किए गये ,2310 पर विकसित करने का कार्य चल रहा है. विकसित किए जा रहे सभी अमृत सरोवरों पर लोगों को बैठने हेतु बेन्च बनवाने, डस्टविन रखने, प्लान्टेशन, आउटलेट,इनलेट, रैम्प व अन्य पक्के व जनोपयोगी कार्य भी कराये जा रहे हैं, वहां पर रखरखाव हेतु प्रत्येक 3 माह तक एक श्रमिक को मनरेगा के तहत लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि पानी के लिए (यानी जल संरक्षण के लिए) प्रधानमंत्री के बड़े विजन के दृष्टिगत जल सुरक्षा हेतु, देश व प्रदेश में चौतरफा प्रयास जारी हैं,इसमें जनभागीदारी, साझेदारी, दृढ़ इच्छाशक्ति और संसाधनों का भरपूर उपयोग करना है.अमृत सरोवरों के विकास का उद्देश्य जल संरक्षण एवं जल संचयन किये जाने के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है. ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों में एक एकड़ एवं उससे अधिक क्षेत्रफल तथा न्यूनतम 10000 घन मीटर की क्षमता के अमृत सरोवरों का विकास कराया गया है.
अमृत सरोवरों को ग्राम पंचायत के निवासीगणों के लिए जनुपयोगी बनाने के लिए क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र, लखनऊ द्वारा अमृत सरोवर के एक एकड़ तथा दो एकड़ क्षेत्रफल का मॉडल कार्ययोजना तैयार की गयी है. एक एकड़ क्षेत्रफल वाले तालाब हेतु अनुमानतः रुपये 28.83 लाख तथा दो एकड़ वाले क्षेत्रफल के तालाब पर रुपये 46.45 लाख का व्यय आना संभावित है.