Bareilly News: फाजिल-ए-बरेलवी इमाम अहमद रजा खां (आला हजरत) के उर्स-ए- रजवी का आगाज 21 सितंबर को परचम कुशाई के जुलूस के साथ होगा. यह उर्स 21,22 और 23 सितंबर तक चलेगा. इसमें देश और दुनिया के उलमा और अकीदंतमंद शामिल होंगे. दुनिया के खास उलमा और दरगाह के सज्जादानशीन को दावत भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है.
शहर के इस्लामिया मैदान में उर्स-ए- रजवी मनाया जाएगा.मगर, दरगाह आला हजरत और रामपुर रोड के मथुरापुर स्थित मदरसा जमीयतुर्रजा में उर्स के कार्यक्रम होंगे. रविवार को दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां), सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने उर्स-ए-रजवी का संयुक्त रूप से पोस्टर जारी किया. मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स का आगाज़ 21 सितंबर (बरोज़ बुद्ध) को शाम 5 बजे दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां के हाथों परचम कुशाई की रस्म से होगा. इसी दिन इंशा नमाज के बाद अंतरराष्ट्रीय नातिया मुशायरा होगा.
दूसरे व आखिरी दिन उलेमा की तकरीर होगी. समापन 23 सितंबर को दोपहर 2.38 बजे कुल शरीफ की रस्म के साथ होगा.उर्स में शिरकत के लिए दुनियाभर से मशहूर ख़ानक़ाहों के सज्जादागान, नामवर उलेमा,शोहरा,मुरीदीन व अक़ीदतमंद लाखों की संख्या में बरेली पहुंचते हैं. उर्स की तैयारियां बड़े पैमाने पर शुरु कर दी गई हैं. पिछले दो वर्ष से से कोविड 19 की पाबंदियों के कारण उर्स बेहद सादगी के साथ सीमित संख्या में मनाया गया. दुनियाभर के अकीदतमंदों को उर्स की तारीखों की सूचना सोशल मीडिया व पोस्टर के द्वारा भेजी जा रही है.
मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि उर्स में उलेमा मज़हब-ए-इस्लाम, पैगम्बर-ए-इस्लाम के अलावा बुजुर्गों और आला हज़रत ने जो मज़हब-ओ-मिल्लत खिदमात अंजाम दी. उस पर तक़रीर करेंगे. इसके अलावा मुसलमानों के धार्मिक (मज़हबी), शैक्षिक(इल्मी) व सामाजिक (माशी) मसलों पर भी उलेमा चर्चा करेगें. यह सभी कार्यक्रम दरगाह परिसर और इस्लामिया मैदान में होंगे. आला हजरत के कुल शरीफ के अलावा हुज्जातुल इस्लाम, मुफ़्ती-ए-आज़म, मुफ़स्सिर-ए-आज़म और रेहान-ए-मिल्लत के कुल शरीफ की रस्म भी अदा की जाएगी.उर्स का पोस्टर जारी करने के दौरान टीटीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शाहिद नूरी, औरंगज़ेब नूरी समेत प्रमुख लोग मौजूद थे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद