Uttar Pradesh News: लोगों को 10-20 देशों की करेंसी को इकट्ठा करना मुश्किल हो जाता है लेकिन एक व्यक्ति ऐसे भी हैं जिन्होंने दुनिया के 195 देशों की करेंसी का संग्रह किया. हालांकि इसमें उन्हें 33 साल लग गए और यह सिलसिला अभी भी जारी है. नोटों के संग्रह के दौरान इन्होंने कुछ ऐसे भी नोट हासिल किए जो अब किसी के पास होना बेहद मुश्किल है.
इन करेंसी को सालों से सहेज कर रखा है गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर कालेज में कंप्यूटर के शिक्षक पवन गुप्ता ने. पवन बताते हैं कि 1987 में उन्हें अपने दादा की किताब से जार्ज पंचम की फोटो वाला 10 रुपये का नोट मिला था. तभी से उन्हें पुराने नोटों को संग्रहित करने का शौक लग गया. नोट इकट्ठा करने शुरू किए तो मामा ने एक डॉलर दिया. तब पवन ने सोचा क्यों न विदेश की करेंसी भी इकट्ठा की जाए. इसके बाद पवन ने आजादी से पहले के नोट, सिक्के आदि इकट्ठा करना शुरू किए.
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दो, पांच, 10, 20 और 50 रुपये के नोट उन्होंने हासिल कर लिया. देश में कुछेक लोग ही होंगे जिनके पास महात्मा गांधी की फोटो वाला 100 रुपये का नोट होगा. पवन के पास यह नोट है. पवन के इस शौक में उनके दोस्त व परिचितों ने भी मदद की. दोस्तों की मदद से ही पवन ने दूसरे देशों की पुरानी करेंसी इकट्ठा की. 1987 से अब तक पिछले 33 सालों से पवन अभियान की तरह अपने इस शौक को बढ़ाते जा रहे हैं. उन्होंने अब तक 195 देशों की करेंसी संग्रह कर ली है.
इनमें साउथ अफ्रीका, फिजी, लीबिया, हांगकांग, तंजानिया, यूक्रेन, मिस्त्र, अजरबेजान, स्विटजरलैंड, स्पेन, इटली, कोरिया, वियतनाम, आस्ट्रेलिया, जापान, थाईलैंड, नाइजीरिया, कतर, रूस, ओमान, सीरिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, ब्राजील आदि देश शामिल हैं.