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Varanasi Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में मिले ‘शिवलिंग’ की होगी कार्बन डेटिंग, 29 सितंबर को अगली सुनवाई

Varanasi Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग कराने की मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. मामले में अगली सुनवाई 29 सितंबर को होनी है.

Varanasi News: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट की सुनवाई का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच हिंदू पक्ष के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की हिन्‍दू पक्ष की मांग स्‍वीकार कर ली है. इस मामले में अगली सुनवाई 29 सितंबर को होनी है.

जिला शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि मामले की वादी चार महिलाओं की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी परिसर में प्राप्त कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग जिला अदालत के समक्ष रखी गई. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 29 सितंबर निर्धारित की है. इसके अलावा मस्जिद प्रबंधन से सुनवाई की अगली तारीख तक अपनी आपत्तियां दर्ज करने को कहा है.

दरअसल, जस्टिस एके विशेष (Judge A K Vishesh) ने ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर तय की. 12 सितंबर को याचिका के विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करने के बाद अदालत ने गुरुवार को मामले में सुनवाई फिर से शुरू की. हिंदू पक्ष की याचिका में दैनिक आधार पर मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवताओं की मूर्तियों की पूजा करने के लिए अदालत की अनुमति मांगी गई है.

याचिकाकर्ता महिलाओं की ओर से पेश अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अदालत के समक्ष “शिवलिंग” की कार्बन-डेटिंग की मांग रखी थी. जिला सरकार के वकील राणा संजीव सिंह ने कहा कि न्यायाधीश ने याचिका को स्वीकार कर लिया और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर तय की गई है. उन्होंने कहा कि, अदालत ने मामले की सुनवाई की आखिरी तारीख 12 सितंबर के आठ हफ्ते बाद अगली सुनवाई तय करने की मुस्लिम पक्ष की याचिका पर विचार नहीं किया.

हिंदू पक्ष ने पहले दावा किया था कि “शिवलिंग” मस्जिद परिसर में “वज़ूखाना” के पास पाया गया था- जो मुसलमानों द्वारा नमाज़ अदा करने से पहले अनुष्ठान करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक छोटा जलाशय है. हालांकि, मस्जिद प्रबंधन ने कहा था कि यह “वज़ूखाना” की फव्वारा प्रणाली का हिस्सा था. विवाद में पक्षकार बनने के लिए कुल 15 लोगों ने अदालत में आवेदन जमा किए थे. न्यायाधीश ने कहा कि केवल आठ लोगों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा, जो अदालत के समक्ष उपस्थित थे.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को निर्देश दिया था कि वह पहले पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर मामले की सुनवाई पर फैसला करे, जिसमें श्रृंगार गौरी की मूर्तियों के सामने दैनिक पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी.

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