वाराणसी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने 15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के कोविड टीकाकरण सम्बन्धी आदेश के अनुपालन न कराए जाने की लापरवाही को देखते हुए संबंधित विद्यालयों के प्रबंधक/प्रधानाचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन विद्यालयों में जिलाधिकारी द्वारा आदेशित आदेशों की अवहेलना पाए जाने की सूचना पर यह सख्त कदम उठाया गया है.
प्रशासन की ओर से 15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंध अधिनियम- 2005 के अन्तर्गत आदेश जारी किये गये थे. जिसके अंतर्गत जनपद वाराणसी के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों एवं यूपी बोर्ड /सीबीएसई बोर्ड/आईसीएसई बोर्ड, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों, कोचिंग संस्थाएं, मदरसा, आईटीआई, पॉलिटेक्निक और अन्य शिक्षण संस्थान, में अध्ययनरत 15 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों और सम्बंधित स्टाफ को दिनांक 14.01.2022 से 16.01.2022 तक टीकाकरण के लिए अनिवार्य रूप से विद्यालय को खुला रखा जाये. इन समस्त व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय के प्रबंधक/प्रधानाचार्य को दे दी गयी थी.
इस सबंध में वाराणासी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वाराणसी के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई कि कुछ विद्यालयों की ओर से इस आदेश का अनुपालन नहीं कराया गया है. उन्होंने अपने विद्यालय को खोलकर 15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु वर्ग के छात्रों का कोविड टीकाकरण नहीं कराये जाने में लापरवाही बरती है.
जिसके बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की ओर से संबंधित विद्यालयों के प्रबंधक/प्रधानाचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. जिसमें, नेहरू इंटर कॉलेज, रैलिरामपुर, सेवापुरी, गिरजा देवी मेमोरियल चिल्ड्रेन एकेडमी, सेवापुरी, चौधरी गंगा राम माध्यमिक विद्यालय, जाल्हूपुर, चिरईगांव, खंडेश्वरी बाबा इंटर कॉलेज, चांदपुर, चिरईगांव, महामाया मालती देवी इंटर कॉलेज, मलहथ, दबेथुआ, बड़ागांव, केडी इंटरमीडिएट कॉलेज, चिरईगॉव, बीएसआरएन इंटर कॉलेज, चिरईगांव, राजनंदन साहू इंटर कॉलेज, नारायनपुर, चिरईगांव, प्रेमचन्द इंटरमीडिएट कॉलेज, बनकट, गजापुर, सेवापुरी विद्यालयों का नाम शामिल है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि कोविड टीकाकरण कार्य में लापरवाही बरते जाने और आदेशों की अवहेलना पाये जाने पर उक्त विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपना जवाब लौटती डाक से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. वहीं दोषी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उनके विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही अमल में लायी जाए. उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी.
रिपोर्ट- विपीन सिंह, वाराणसी