Lucknow News: महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) समेत भारत के कई दिग्गज पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सिंह पर आरोप लगे हैं कि, वे कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं. पहलवानों ने उन्हें हटाने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. ऐसे में अब कुप्रबंधन पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है.
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है, जब बृजभूषण सिंह विवादों के चलते सुर्खियों में छाए हुए हैं. इससे पहले भी बृजभूषण सिंह विवादों में घिर चुके हैं. कुश्ती संघ के अध्यक्ष होने के अलावा सिंह का नाम भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल हैं. यही कारण है कि, इस विवाद को लेकर विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही हैं. सिंह 2011 से डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष हैं. साल 2019 में तीसरी बार उनका इस पद के लिए चयन किया गया.
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की कैसरगंज सीट से भाजपा सांसद सिंह लगातार छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने पहली बार साल 1991 में राजनीति में अपने कदम रखे और पहले चुनाव में ही भारी मतों से जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सिंह ने बीजेपी को बलरामपुर सीट पर जीत दिलाई, जहां से पार्टी लगातार हारती चली आ रही थी. लोगों के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही उन्होंने साल 1999 के बाद कभी भी चुनाव में हार का सामना नहीं किया.
एक समय ऐसा आया जब बीजेपी के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पार्टी का साथ छोड़ दिया, और साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा के टिकट पर कैसरगंज से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. हालांकि, साल 2014 में उन्होंने सपा का साथ छोड़ दिया और फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में कैसरगंज सीट से भाजपा के टिकट से चुनाव जीते.
बृजभूषण शरण सिंह से जुड़े विवादों की बात करें तो साल 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने वाले आरोपियों में उनका नाम भी शामिल था. हालांकि, ये बात अलग है कि कोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था. इसके अलावा टाडा से जुड़े मामले में भी वह जेल चले जा चुके हैं. हालांकि, इसका उनकी राजनीति पर कभी कोई असर नहीं पड़ा. फिलहाल, महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) समेत भारत के कई दिग्गज पहलवानों ने सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं बृजभूषण शरण सिंह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि, यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है.
बृजभूषण शरण सिंह का जन्म 8 जनवरी 1956 को गोंडा के विश्नोहरपुर में हुआ था. इनके पिता का नाम जगदम्बा शरण सिंह और माता का नाम प्यारी देवी सिंह है. सिंह बचपन से ही कुश्ती और पहलवानी के शौकीन हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1979 में उस वक्त की जब वे एक छात्र नेता थे. यहां उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से छात्रसंघ का चुनाव जीता था. सिंह 1988 में पहली बार भाजपा से जुड़े.