महिला शिक्षकों ने हर महीने तीन दिनों की छुट्टी की मांग की है. उत्तर प्रदेश की हाल में ही बनी महिला शिक्षक एसोसिएशन ने यह मांग सरकार के सामने रखी है. महिला शिक्षकों का कहना है कि पीरियड के वक्त उन्हें परेशानी होती है. सरकारी स्कूलों के टॉयलेट की स्थिति अच्छी नहीं है. खराब टॉयलट की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इसे लेकर महिला शिक्षक अभियान चला रहीं हैं. इसे लेकर उन्होंने यूपी सरकार के कई मंत्रियों से भी मुलाकात की है और यह बात सामने रखी है. इसे लेकर वह लोगों का सहयोग चाहती है इसलिए उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के लोगों के साथ भी संपर्क किया है.
इस मामले को अब महिला शिक्षकों ने अभियान बनाने का जिक्र कर लिया है. महिला शिक्षकों का यह एसोसिएशन छह महीने पहले ही बना है और यह 50 जिलों में मौजूद है और अपना विस्तार कर रही है.
एसोसिएशन की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने कहा, ज्यादातर सरकारी स्कूलों में 400 बच्चों के साथ टॉयलेट साझा करना पड़ता है. यहां साफ सफाई की कमी भी होती है. ऐसे में ज्यादातर महिला शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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एसोसिएशन की अध्यक्ष ने कहा, कई बार महिला शिक्षक पानी नहीं पीती ताकि उन्हें बार- बार शौचालय ना जाना पड़े. ऐसे में महिलाओं को परेशानी तब ज्यादा बढ़ जाती है जब उन्हें पीरियड होता है. महिला शिक्षकों की चिंता के लिए यह एसोसिएशन बना है क्योंकि ज्यादातर शिक्षक एसोसिएशन पुरुष चलाते हैं जिनमें महिला की समस्याओं पर चर्चा नहीं होती.