UPSC Success Story: पढ़ें सफलता की कहानियां, जो तैयारी के लिए करेंगी प्रेरित
हर साल लाखों की संख्या में छात्र यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सफल होनेवालों की संख्या हजार के अंदर ही होती है. UPSC CSE 2023 में 1016 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है. ये सफल अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं अन्य अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणास्रोत की तरह होते हैं. पढें, इस बार सफलता की इबारत लिखने वाले यूपीएससी एस्पिरेंट्स को क्या संदेश दे रहे हैं ...
UPSC Success Story: यूपीएससी 2023 का रिजल्ट आने के बाद समाचार माध्यमों से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक सफल अभ्यर्थियों की कहानियां पढ़ी या सुनी जा सकती हैं. बेशक किसी भी अभ्यर्थी की सफलता के पीछे के संघर्ष को चंद शब्दों या छोटे साक्षात्कार के जरिये बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन ये कहानियां तैयारी कर रहे अन्य छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत की तरह काम करती हैं. इसलिए हम आपको इस बार यूपीएससी में सफल होनेवाले ऐसे छात्रों की कहानियों से रूबरू करा रहा हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आत्मबल को डिगने नहीं दिया.
प्रयास की निरंतरता से बना सफलता का रास्ता
इस बार के यूपीएससी टॉप करनेवाले आदित्य श्रीवास्तव 2021 में पहली बार इस परीक्षा में बठे थे और प्रीलिम्स में ही फेल हो गये थे. इसके बाद 2022 में उन्होंने सेकेंड अटेम्प्ट दिया 236वीं रैंक हासिल की थी और उन्हें आईपीएस कैडर मिला. लेकिन आईएएस बनने की चाह उनके मन से गयी नहीं और हैदराबाद पुलिक अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग हासिल करते हुए उन्होंने 2023 में तीसरा अटेम्प्ट दिया और इतिहास रच दिया. इस तीसरे प्रयास में उन्होंने पहली रैंक हासिल की. आदित्य की सफलता बताती है कि प्रयास की निरंतरता ही सफलता की राह बनाती है. एक इंटरव्यू में आदित्य तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह देते हैं कि हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क पर फोकस करें. पिछले साल के पेपर को बाइबल की तरह पढें, उनके पैटर्न आईडेंटिफाई करें. इसके साथ-साथ अपनी गलतियों को सुधारने पर फोकस करें और उनको न दोहराएं. वह कहते हैं कि मैंने निरंतरता और कठिन मेहनत को कभी भी नहीं छोड़ा और यही मेरी सफलता का आधार है.
समय का सही तरीके से उपयोग है अहम
यूपीएससी में ऑल इंडिया सेकेंड रैंक पाने वाले अनिमेश प्रधान को बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वे शीर्ष 10 में दूसरा स्थान हासिल करेंगे. अपने माता-पिता को खो चुके अनिमेष को रिजल्ट आने के बाद सबसे अधिक कमी उनकी ही खली, खासतौर पर मां की, जिन्हें हाल ही में उन्होंने खो दिया. अनिमेष जब यूपीएससी इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे, उस महीने उनकी मां की कैंसर के कारण मौत हो गयी थी. अनिमेष ने ये सफलता अपने पहले प्रयास में हासिल की है. इंडिया एक्सप्रेस को दिये गये इंटरव्यू में अनिमेष ने बताया कि सब्र और दृढ़ता से उन्हें मुश्किल हालात से निपटने में मदद मिली. मेरी तैयारी में मां ने सबसे ज्यादा साथ दिया. मैं यूपीएससी अपनी मां के लिए निकालना चाहता था. मुझे मालूम था कि उनके पास अब कुछ दिन ही बचे हैं. वो लास्ट स्टेज के कैंसर से जूझ रही थीं. मैं यूपीएससी में जल्द से जल्द पास होना चाहता था ताकि मेरी मां को मुझ पर गर्व हो सके.’ ओड़िशा के रहनेवाले अनिमेष 2021 से इंडियन ऑयल में जॉब कर रहे थे. उन्हेंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी राउरकेला) से बीटेक की पढ़ाई की है. उन्होंने जॉब के साथ यूपीएससी की तैयारी की. अनिमेष रोजाना कम से कम पांच घंटे पढ़ाई का लक्ष्य रखते थे और अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच मिलने वाले छोटे-छोटे ब्रेक में भी पढ़ने की कोशिश करते थे. वह जॉब के साथ तैयारी करनेवालों के लिए एक आदर्श बन गये हैं. अनिमेष वर्किंग एक्सपिरेंट को सलाह देते हैं कि घर आपको ऑफिस के पास लेना चाहिए, ताकि आने-जाने का समय बचे. शनिवार, रविवार का अच्छे से इस्तेमाल करें. सुबह जल्दी जागकर पढने का शेड्यूल रखिये.
लक्ष्य के प्रति स्पष्टता है जरूरी
ऑल इंडिया तीसरी रैंक पानेवाली अनन्या रेड्डी दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से जियोग्राफी में ग्रेजुएशन किया है. यह उनका पहला प्रयास था. तेलंगाना की रहनेवाली अनन्या ने दो साल तैयारी की और अपने पहले ही प्रयास में ऐसी सफलता हासिल की. अनन्या के पिता उद्यमी हैं और मां गृहणी हैं. अनन्या शुरू से ही अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्ट थीं, उन्होंने 2021 अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और दो साल यूपीएससी की तैयारी की. अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा न केवल पास की, बल्कि महिला वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल किया है. एएनआई को दिये एक इंटरव्यू में वह कहती हैं कि कोई एक व्यक्ति विशेष उनकी प्रेरणा नहीं है, मैं बस लोगों की सेवा करना चाहती हैं. वह अपने माता-पिता और शिक्षकों को अपनी सफलता की श्रेय देती हैं.
सफलता कठिन है, पर नामुमकिन नहीं
यूपीएससी की रिजल्ट आने के बाद एक सफल अभ्यर्थी के कच्चे घर की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया में खूब शेयर हो रही है, जिसमें बाहर मवेशी बंधे हैं और एक तिरपाल की आड़ से छांव बनायी गयी है. यह घर यूपीएससी में 239 रैंक पाने वाले पवन कुमार का है. उनके पिता मजदूरी करते हैं. यह पवन कुमार का थर्ड अटेम्प्ट और सेकेंड मेंस था. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, विशेष तौर पर माता-पिता और बहनों को दिया. पवन एक साक्षात्कार में कहते हैं, ‘ रिजल्ट आने के बाद जब मैंने देखा कि मेरा चयन हो गया है, तो मुझमें अगले दो से तीन घंटे तक एक अथाह शून्यता का भाव था. दरअसल, हम जैसे लोग जो इतना नीचे से उठे हैं, उन्हें इतनी बड़ी खुशी हजम नहीं होती. बाद में मुझे जब अहसास हुआ तो अंदर से रोना आया और मैं अकेले में रोया भी. यूपीएससी के एस्पिरेंट्स को संदेश देते हुए पवन कुमार ने कहा है, ‘यूपीएससी परीक्षा कठिन है, पाठ्यक्रम बहुत वास्ट है, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये नामुमकिन है. मेरी स्थिति नहीं थी कि मैं महंगी कोचिंग कर सकूं, मैंने अधिकतर सेल्फ स्टडी की है, सिर्फ ऑप्शनल के लिए मैंने कोचिंग ली थी. मैं यही कहूंगा कि आप का जो भी इंटरेस्ट एरिया है, उसके हर पहलू के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए. दूसरा आपका विजन क्लियर होना चाहिए कि आप वो चीज क्यों करना चाह रहे हैं, क्योंकि आप अगर किसी विजन के बिना तैयारी कर रहे हैं, तो एक समय के बाद आप उसे बरकरार नहीं रख पाते हैं. आपका स्ट्रॉंग विजन होना चाहिए, जो समय-समय पर आपको प्रेरित करे. इसके बाद जानकारियों की भरमार वाले इस दौर में आपको सही स्रोत और जानकारी जुटाना आना चाहिए. आप अपनी तैयारी के प्रति ईमानदार रहें और परिणाम के बारे में बहुत न सोचें. अपने आप पर भरोसा कर ईमानदारी से मेहनत करें.