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अयोध्या: पर्वतारोही नरेंद्र सिंह ने 1600 किमी की ‘रन फॉर राम’ यात्रा की पूरी, कश्मीर के पुंछ से की थी शुरुआत

हरियाणा के नरेंद्र सिंह ने 1600 किलोमीटर तय करते हुए 'रन फॉर राम' का अपना सफर अयोध्या आकर पूरा किया. इस दौरान गर्मी-बारिश के बीच उनका यात्रा जारी रही और वह लक्ष्य के मुताबिक जुलाई के पहले सप्ताह में रामनगरी पहुंचे. नरेंद्र इससे पहले रामेश्वरम से अयोध्या तक 2931 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चुके हैं.

Ayodhya News: अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव के ‘रन फार राम’ अल्ट्रा मैराथन के तहत बुधवार को अयोध्या पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने स्वागत किया.

हरियाणा के निवासी नरेंद्र सिंह पुंछ के बूढ़ा अमरनाथ से अयोध्या तक पैदल सफर पर निकले थे. रामलला की नगरी पहुंचने के लिए उन्होंने प्रतिदिन 50 किलोमीटर दौड़कर 32 दिन में 1600 किलोमीटर का सफर तय किया. इस तरह उनकी ‘रन फॉर राम’ यात्रा पूरी हुई. अयोध्या पहुंचने पर चंपत राय सहित विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने नरेंद्र सिंह का स्वागत किया और ‘रन फॉर राम’ को लेकर प्रसन्नता जाहिर की.

नरेंद्र सिंह ने इससे पहले रामेश्वरम से अयोध्या तक 2931 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की है. रन फॉर राम अल्ट्रा मैराथन की शुरुआत 3 जून को बूढ़ा अमरनाथ से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ हुई थी. अल्ट्रा मैराथन सात राज्यों से होकर गुजरी और 1600 किलोमीटर का सफर तय किया गया.

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इसके लिए जुलाई के पहले सप्ताह में अयोध्या पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस लक्ष्य को हासिल करते हुए नरेंद्र सिंह बुधवार को अयोध्या पहुंचे. नरेंद्र सिंह माउंटेन रिंग में वर्ल्ड किंग की उपाधि, पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह कर 18 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.

इस बीच राम मंदिर निर्माण कार्य तेजी से जारी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर के प्रथम तल और छत का निर्माण का कार्य पूरा हो गया है. इस समय पिलर और दीवारों पर मूर्तियां उकेरी जा रही हैं. इस साल के अंत तक निर्माणाधीन मंदिर की फिनिशिंग से लेकर मंदिर की छत ढलाई तक सभी कार्य पूरा होना है.

इसके साथ ही पूरा फोकस मंदिर के सभी पिलर पर मूर्तियों को उकेरने को लेकर है. मंदिर में हर पिलर पर ऊपर से लेकर नीचे तक 3600 देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जाएगी. इसके साथ ही मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी भी की जानी है.

रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए पत्थर को कर्नाटक व राजस्थान लाया गया है. मंदिर के भवन में लगने वाले पत्थरों पर खूबसूरत नक्काशी का काम राजस्थान के कारीगर कर रहे हैं. वहीं दरवाजे व खिड़कियों के लिए लकड़ियां महाराष्ट्र के बल्लाह शाह से मंगवाई गई. इसके अलावा लकड़ी का काम हैदराबाद के कारीगरों के जिम्मे है. अभी पहले पिलर खड़े करने का काम तमिलनाडु के कारीगरों के सहयोग से हो रहा है.

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