बलिया. सोहांव गांव निवासी डॉ ओमकार नाथ राय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. डॉ ओमकार नाथ राय ने अपने बागीचे में आम के पेड़ पर रस्सी लगाकर लटक गए. जिससे उनकी मौत हो गयी है. इसकी जानकारी सुबह तब हुई, जब ग्रामीणों ने शव को पेड़ से लटका हुआ देखा. लोगों इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. मृतक के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है. मृतक ने अपने सुसाइड नोट में वाराणसी के सिगरा स्थित मकान पर कब्जा करने का जिक्र किया है.
सोहांव गांव निवासी डॉ ओमकार राय 65 वर्ष का घर गांव में भी है. कृषि विज्ञान केंद्र सोहांव के बगल में बागीचे में भी वे कमरा बना कर रहते थे. सोमवार की रात में अपने बागीचे में आम के पेड़ पर रस्सी बांध कर लटक गये. मंगलवार की सुबह ग्रामीणों की नजर जब पेड़ पर लटकते हुए उनके शव पर पड़ी तो यह खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया. डॉ ओमकार नाथ राय के जेब से मिली सुसाइड नोट में वाराणसी के सिगरा में स्थित मकान पर कब्जे का जिक्र है.
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डॉ ओमकार राय के बड़े लड़के प्रभाकर राय के तहरीर पर पुलिस ने हरमीत सिंह बग्गा, जेपी सिंह, यूसुफ खान, राजू सोनकर, संतोष केशरी व सुजीत सेठ के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. ओमकार नाथ राय वाराणसी में पैथोलॉजी एवं ब्लड बैंक भी चला चुके हैं. इस समय गांव पर ही रह रहे थे. एक मकान बलिया चन्द्रशेखर नगर में भी है. इनकी पत्नी प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हो चुकी है. एक लड़का बिहार में अध्यापक है तो दूसरा वाराणसी में अपना बिजनेस संभालते हैं. डॉ ओमकार नाथ राय के आत्महत्या को लेकर गांव के लोग आश्चर्यचकित हैं.