Barabanki: माफिया मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में कोर्ट से एक के बाद एक झटका लगता जा रहा है. बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद की सजा के बाद अब फर्जी एंबुलेंस मामले में मुख्तार की याचिका खारिज कर दी गई है. बाराबंकी में गैंगस्टर एक्ट मामले में मुख्तार अंसारी, सुहैब मुजाहिद और आनंद यादव की दोष मुक्त करने की याचिका एमपी-एमएलए कोर्ट ने रद्द कर दी है.
मुख्तार अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट को लेकर कोर्ट में दोष मुक्त के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विशेष सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव ने सुनवाई के दौरान याचिका खारिज की. मामले में मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप निर्धारित करने के लिए अगली सुनवाई 9 जून को होगी. फर्जी एंबुलेंस मामले में गैंगस्टर एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुख्तार अंसारी पर बाराबंकी शहर कोतवाली में केस दर्ज है.
मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान जिस निजी एंबुलेंस (UP 41-AT-7171) का इस्तेमाल करता था वह बाराबंकी के एआरटीओ ऑफिस में 21 मार्च 2013 को पंजीकृत थी. जब मुख्तार अंसारी पंजाब के मोहाली कोर्ट में पेश किया गया, तब बाराबंकी जनपद की नंबर प्लेट लगी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. इसके बाद ये मामला सुर्खियों में आया.
जांच के दौरान सामने आया कि एंबुलेंस बाराबंकी कोतवाली नगर के मुहल्ला रफीनगर के मकान नंबर 56 के पते पर पंजीकृत थी, जिसका डॉक्टर अल्का राय बाराबंकी के रफीनगर मोहल्ले के पते पर बने फर्जी मतदाता पहचान-पत्र के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया गया था.
इसके बाद मुख्तार अंसारी, डॉ. अलका राय समेत अन्य के खिलाफ 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी की कोतवाली में तत्कालीन एआरटीओ पंकज कुमार सिंह की तहरीर पर धोखाधड़ी, जालसाजी की एफआईआर दर्ज की गई. सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
इस मामले में पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने 24 मार्च 2022 को गैंगचार्ट पर मंजूरी दे दी और 25 मार्च 2022 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी और अन्य के खिलाफ गैंगस्टर की एफआईआर दर्ज की. इसकी जांच पूरी होने के बाद जनवरी में एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. इस आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर जेल में बंद रहकर भी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया.
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एमपी-एमएलए कोर्ट कमलकांत श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी, आनंद यादव और सुहैब मुजाहिद के दोष मुक्त प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अब इसके खिलाफ हाईकोर्ट में रिवीजन दाखिल की जाएगी.