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कानपुर बना ठगी का नया जामताड़ा, क्राइम को जड़ से खत्म करने की तैयारी में यूपी पुलिस, बनाई ये रणनीति

झारखंड के जामताड़ा के बाद अब यूपी के कानपुर का चकेरी क्षेत्र भी साइबर क्राइम को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां एक मिनी जामताड़ा तैयार हो चुका है, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए कानपुर पुलिस ने खास रणनीति बनाई है...

Kanpur News: साइबर ठगों (Cyber thugs) की वजह से झारखंड (Jharkhand) का जामताड़ा (Jamtara) पिछले कुछ सालों से सुर्खियों में छाया हुआ है. यहां के ठगों के ऊपर एक वेब सीरीज भी बनाई जा चुकी है. वहीं अब जामताड़ा के बाद यूपी के कानपुर का चकेरी क्षेत्र भी साइबर क्राइम को लेकर कानपुर पुलिस की नई परेशानी बना हुआ है, जिसे खत्म करने के लिए अब हर स्तर पर कोशिश की जा रही है.

जमानतदारों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी

कानपुर में पनप रहे नए जामताड़ा की पुष्टि इस बात से होती है कि, बीते कुछ सालों में चकेरी के कई युवक एटीएम लूट और उससे छेड़छाड़ के मामले में पकड़े जा चुके हैं. पुलिस ने इस गिरोह को जड़ से खत्म करने के लिए हैकरों के 150 जमानतदारों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. कमिश्नरेट पुलिस की स्पेशल सेल ने इन सभी की जानकारी जुटा ली है. पुलिस का मानना है कि ये सभी जमानतदार भी गैंग का हिस्सा हैं.

एक साल में 54 करोड़ की ठगी को दिया अंजाम

कानपुर में बीते 1 साल के अंदर 54 करोड़ रुपये की ठगी का मामलें सामने आ चुके हैं, जिनमें कार्रवाई करते हुए करीब 304 मामलों की रकम होल्ड की जा चुकी है. इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने कानूनी दांवपेच से साइबर हैकर्स को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में हैकर्स के जमानतदारों का ब्योरा जुटाया है.

हैकर की गिरफ्तारी होते ही एक्टिव हो जाते हैं जमानतदार

पुलिस की ओर से की गई छानबीन में सामने आया है कि, यहां के हैकर्स के नेटवर्क में कानून के जानकार और जमानतदार भी शमिल हैं. जमानत लेने वाले 150 लोग गैंग के लिए काम करते हैं और किसी भी हैकर के पकड़े जाने पर तुरंत सक्रिय हो जाते हैं.

कानूनी नियम का लाभ उठाकर मिल जाती है राहत

साइबर ठगी के मामलों में अभी तक पुलिस आरोपित के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी (धारा 420) का केस दर्ज करती है. दरअसल, आईटी एक्ट के तहत तीन साल की सजा से कम का मामला होने से सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के चलते इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है. इस मामले में कानूनी नियम का लाभ उठाकर हैकर्स को राहत मिल जाती है, जबकि नियम यह है कि धोखाधड़ी में पांच लाख रुपये से अधिक रकम की ठगी होने पर ही सात साल की सजा का प्रावधान है.

रकम पांच लाख रुपये से कम होने पर ठग की अग्रिम जमानत तक हो जाती है. इसी का फायदा ठग उठाते हैं, लेकिन अब पुलिस इनके जमानतदारों को भी इस गैंग का हिस्सा मान रही है, जिसके चलते अब पुलिस उनके जमानतदारों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की फिराक में है.

ऐसे करते हैं ठगी

  • थम्ब इंप्रेशन इस्तेमाल कर खाता खाली करना

  • मेल आईडी हैक कर व्हाट्सएप पर रकम मांगना

  • बिजली के बिल बकाया होने की जानकारी देकर ओटीपी लेकर खाते की रकम उड़ाना

  • फेसबुक से दोस्ती करके गिफ्ट भेजने का मैसेज देकर ठगी

ठगी से बचने का तरीका

  • फेसबुक पर अंजान रिक्वेस्ट स्वीकार न करें

  • थम्ब इंप्रेशन यूज करने के बाद लॉक कर दें

  • 15 दिन में मेल आईडी का पासवर्ड बदलते रहें

  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बाद पर्ची नष्ट करें

  • स्वाइप मशीन एक बार ऑफ करा दें

  • ठगी होने पर तुरंत पुलिस को जानकारी दें.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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