Lucknow: यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (GIS 2023) का राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शुभारंभ किया. इस तीन दिवसीय आयोजन में कुल 34 सत्र होंगे. पहले दिन 10 सत्र आयोजित किए जा रहे हैं. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के अंदर अगर इंडस्ट्री लानी है, निवेश लाना है तो उसके लिए पांच पूर्व शर्तें होती है. कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक होनी चाहिए, राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होना चाहिए, राज्य सरकार को इंडस्ट्री और फाइनेंस की नीतियों का निर्धारण स्पष्ट करना चाहिए, राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए और त्वरित निर्णय करने की क्षमता राज्य के मंत्रिमंडल में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे बात का बहुत आनंद है कि एक जमाना था, जब उत्तर प्रदेश में पांचों योग्यता ढूंढने पर निराशा हाथ लगती थी. आज यह पांचों चीजें उत्तर प्रदेश शासन ने जमीन पर उतार दी हैं.
Also Read: यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 में 32 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव, 92 लाख से अधिक रोजगार के मौके मिलेंगे
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी का विकास हुआ है. उत्तर प्रदेश के अंदर निवेश लाने के लिए योगी सरकार ने सफलतापूर्वक काम किया है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के ये तीन दिन उत्तर प्रदेश के आने वाले 3 वर्षों के लिए बहुत शुभ फलदायी होने वाले हैं.
अमित शाह ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में देश के अंदर जिन चुनिंदा राज्यों में सबसे ज्यादा निवेश बीते पांच सालों में हुआ है, उनमें यूपी अहम राज्य है. यहां इंडस्ट्री के समर्थन में नीतियां बनाई गई हैं, जिसके कारण भ्रम्र का वातावरण आज समाप्त हुआ है. उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पारदर्शी तरीके से चल रही है. एक भी आरोप हमारी सरकार पर नहीं लगा है. इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश में त्वरित फैसले लेने का भी माद्दा भी योगी सरकार ने दिखाया है और त्वरित फैसले किए हैं. यहां इंडस्ट्री और इन्वेस्टमेंट दोनों के लिए यह बहुत अनुकूल वातावरण यहां पर बना हुआ है.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में अहम कार्य हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के लिहाज से देश में सबसे अहम है. यहां इनकी 96 लाख एमएसएमई यूनिट हैं. यह सभी एमएसएमई यूनिट 2017 से पहले उपेक्षित थीं और दम तोड़ रही थीं. लोग इन्हें बंद करके पलायन कर रहे थे.
Also Read: UP Global Investors Summit 2023: आदित्य बिड़ला समूह 25 हजार करोड़ का करेगा निवेश, चेयरमैन कुमार मंगलम का ऐलान
उन्होंने कहा कि जब 2016 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र जनता के लिए तैयार किया, तो उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इसमें तत्कालीन यूपी प्रभारी और वर्तमान में गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इसमें एक बिंदु शामिल कराया था, जिसमें उत्तर प्रदेश की पहचान जिन कारणों से है, उनमें से एक महत्वपूर्ण कारण यहां के परंपरागत उद्यमों के लिए सरकार बनने पर विशेष कार्ययोजना लाने की बात शामिल की गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके बाद 2017 में सरकार बनने पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने का काम किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृृत्व में प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट’ योजना लेकर आई, जो आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनी है. इसकी बदौलत यूपी के निर्यात को लगभग दोगुना करने में सफलता मिली है.