देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस में नेताओं की आपसी गुटबाजी जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हरक सिंह रावत ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी ही से हरिद्वार निर्वाचन क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश कर दी है. हरक सिंह रावत ने मंगलवार की रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी सहित आधा दर्जन से अधिक नेताओं की मौजूदगी में इस बात का ऐलान किया कि वह हरिद्वार लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव लड़ाने को तैयार हैं. इन तमाम नेताओं ने भी हरक सिंह रावत का समर्थन किया है.
हरक सिंह रावत के इस ऐलान को राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे हरीश रावत को पार्टी के भीतर सीधी चुनौती माना जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरिद्वार में कांग्रेस नेता ब्रह्मचारी के आश्रम में जुटे. बाद में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से कांग्रेस विधायक भुवन चंद कापड़ी, प्रदेश सचिव संजय पालीवाल सहित आधा दर्जन से अधिक नेता पहुंचे.
हरक सिंह रावत ने पत्रकारों द्वारा उत्तराखंड में पार्टी के लगातार कमजोर होने की वजह पूछे जाने पर बिना किसी का नाम लिए परोक्ष रूप से हरीश रावत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देगी, तो वह लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह पौड़ी या हरिद्वार से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. हरीश रावत भी हरिद्वार से चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रहे हैं. ऐसे में हरक सिंह रावत के हरिद्वार से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी के भीतर से ही बड़ी चुनौती पैदा हो गई है.
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उधर, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार से मुलाकात कर पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बारे में दुष्प्रचार के लिए भाजपा के नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भाजपा नेताओं ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान हरीश रावत पर लगातार इस बात को लेकर हमला किया कि उन्होंने सत्ता में आने पर मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना का कथित रूप से वादा किया, जबकि असल में उन्होंने ऐसे विश्वविद्यालय के बारे में कभी भी कोई बयान नहीं दिया. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह झूठा दुष्प्रचार हरीश रावत की सामाजिक और राजनीतिक छवि को धूमिल करने का प्रयास था.