Uttarkashi Tunnel Collapse : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग ढहने की घटना में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. बता दें कि निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग के दो किलोमीटर लंबे हिस्से में 13 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए कुल पांच एजेंसियों – ONGC, SJVNL, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. अब लगभग उन मजदूरों के करीब लोग पहुंच चुके है और उन्हें निकालने की प्रक्रिया में लगे हुए है. बता दें कि इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के ऑस्ट्रेलिया स्थित अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स उन विशेषज्ञों में से हैं, जिनसे बचाव दल परामर्श ले रहे हैं. आइए, जानते है कि आखिर कौन है अर्नोल्ड डिक्स…
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स कौन हैं?
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प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञ हैं. निर्माण के दौरान आने वाले जोखिम से लेकर परिचालन से जुड़ी सुरक्षा तक, कई तकनीकी मुद्दों में वह विशेषज्ञ है. साथ ही वह भूमिगत निर्माण से जुड़े जोखिमों पर भी सलाह देते हैं और भूमिगत सुरंग बनाने में दुनिया के बेहतरीन विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं.
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प्रफेसर अर्नोल्ड डिक्स एक बैरिस्टर और वैज्ञानिक हैं, जिन्हें अंडरग्राउंड में विशेषज्ञता हासिल है. वह ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं. अर्नोल्ड डिक्स दुनिया भर में कई परियोजनाओं के लिए विवाद निवारण बोर्ड और टेंडर इवैल्युएशन पैनल पर नियुक्तियाँ करते हैं.
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उत्तरकाशी सुरंग हादसे के दौरान उन्होंने सबसे पहले सिल्क्यारा सुरंग स्थल का निरीक्षण किया और उन एजेंसियों से बात की जो बचाव कार्यों में शामिल हैं. बता दें कि फिलहाल जितनी भी एजेंसियां इस बचाव कार्य में जुटी हुई है उसमें अर्नोल्ड डिक्स की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है.
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अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने गुरुवार शाम को कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में मलबे के रास्ते ड्रिलिंग करने वाली ‘ऑगर’ मशीन में फिर से कुछ समस्याएं आ रही हैं. सुरंग के रास्ते में लोहे के सरिए मिलने के बाद बुधवार को छह घंटे तक बचाव अभियान बाधित रहा था. उसके कुछ घंटे बाद अर्नोल्ड डिक्स का यह बयान सामने आया था.
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अर्नोल्ड डिक्स ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत के क्रम में कहा था कि ऑगर मशीन में तीसरी बार कुछ समस्या आ रही है. पहले भी ऐसी समस्या आयी थी. उन्होंने मौजूदा समस्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया और उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि मशीन में समस्या से बचाव अभियान में कितनी देरी होगी क्योंकि अभियान 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है.
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उन्होंने यह भी कहा था कि सुरंग में फंसे हुए मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं, ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना बहुत आवश्यक है. अगर हम इस तरह की स्थिति में जल्दबाजी करते हैं तो ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जोरों पर है और विभिन्न एजेंसियां कई बचाव विकल्पों पर काम कर रही हैं. सुरंग निर्माण संबंधी विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ के प्रमुख डिक्स परामर्श देने के लिए अभी सिलक्यारा में हैं.