प्यार का एक अनोखा किस्सा बिहार के वैशाली से सामने आ रहा है जहां सिर्फ पाँच दिन प्यार हुआ और फिर शादी भी हो गई. प्यार का यह सिलसिला हाजीपुर के सदर अस्पताल से शुरू हुआ जहां एक स्वास्थ्य कर्मचारी को इलाज के दौरान मरीज की बेटी से हो प्यार हो गया. इसके बाद उसने महिला से उसकी बेटी का हाथ मांग लिया.
दोनों के बीच प्यार इस तरह परवान चढ़ा कि एक सप्ताह के अंदर ही दोनों ने अपनी प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुंचा दिया और शहर के ही एक मंदिर में धूमधाम से शादी रचा ली. बता दें की लड़की के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी है और अब बेटी का घर बसते ही दूसरे दिन मां ने भी दम तोड़ दिया.
बताया जा रहा है कि मां की तबीयत खराब होने के बाद बेटी ने मां को हाजीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां मां के इलाज के दौरान ही अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी से युवती की मुलाकात हुई थी. यह मुलाकात धीरे-धीरे कब प्यार में बदल गया यह दोनों का पता ही नहीं चला. उसके बाद लड़के ने बगैर देर किए ही लड़की के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया.
लड़की के पिता नहीं हैं जिस कारणवश लड़की ने मां का आदेश लेने की बात कही, जिस पर लड़के ने दहेज मुक्त शादी का प्रस्ताव लड़की की मां के सामने रखा. लड़की की मां को भी लड़का पसंद आ गया और उन्होंने भी शादी के लिए अपनी रजामंदी दे दी. महिला की इच्छा थी कि उसकी बेटी की शादी अच्छे घर में हो. लड़की के पिता का देहांत काफी दिन पहले हो गया था और बेटी की शादी की जिम्मेदारी मां पर ही थी.
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अचानक हुए इस प्रेम प्रसंग में प्यार सातवें दिन ही शादी के पवित्र बंधन में बदल गया और दोनों की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ परिवार की मौजूदगी में शहर के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर पतालेश्वर मंदिर में धूमधाम से दोनों की शादी करा दी गई. इस शादी में स्वास्थ्य कर्मी बाराती बन नाचते दिखे तो वहीं स्वास्थ्य कर्मी मनिन्दर और प्रीति भी एक दूसरे के प्यार को पाकर काफी खुश हैं. बिना दान दहेज के सात दिनों के अंदर संपन्न हुई इस शादी की हर जगह खूब चर्चा हो रही है.