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वाराणसी में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती के मामले में ऐक्शन, इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मी बर्खास्त

वाराणसी में एक करोड़ 40 लाख रुपये की डकैती के मामले में इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. ये सभी पांच दिन पहले तक भेलूपुर थाने में तैनात थे.

वाराणसी. गुजरात की एक फर्म के वाराणसी स्थित कार्यालय से एक करोड़ 40 लाख रुपये की डकैती मामले शनिवार को सात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गयी है. अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय और अपराध) संतोष कुमार सिंह ने एक इंस्पेक्टर सहित सात पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. बर्खास्त होने वाले पुलिस कर्मियों में तत्कालीन भेलूपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार और उत्कर्ष चतुर्वेदी और सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र शामिल हैं. ये सभी पांच दिन पहले तक भेलूपुर थाने में तैनात थे. इस कार्रवाई से कमिश्नरेट के पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.

लूट में शामिल अपराधियों से मिलीभगत की जानकारी मिली

लूट में शामिल अपराधियों से मिलीभगत का पता चलने पर इन्हें निलंबित कर जांच के आदेश दिए गए थे. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए सातों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार, बैजनत्था क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी में गुजरात की मेक्टेक कंपनी का ऑफिस है. यहां 29 मई की रात मैनेजर व कर्मचारियों को मारपीट व धमकी देकर कैश कलेक्शन के एक करोड़ 40 लाख रुपए लूट लिए गए थे. आरोप है कि इसकी सूचना भलूपुर थाने की पुलिस को थे, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई्. शंकुलधारा इलाके में लावारिस कार से 92.94 लाख रुपये की बरामदगी दिखाकर मामला सुलझाने की कोशिश हुई. इसके बाद गुजरात की फर्म के मैनेजर विक्रम सिंह की तहरीर पर चार जून की देर रात एक नामजद और 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ एक करोड़ 40 लाख की डकैती समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया.

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92 लाख रुपये की बरामदगी का मामला

92 लाख रुपये की बरामदगी का मामला संज्ञान में आने के बाद से सुर्खियों में था. जिन नोटों की बरामदगी को पुलिस अपनी सफलता मान रही थी, उसके पीछे इतने सवाल उठने लगे कि पुलिस अफसरों तक के लिए जवाब देना मुश्किल पड़ रहा था. यह जरूर था कि पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने पहले दिन से ही मामले में गंभीरता दिखाई थी. उन्होंने तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर करते हुए एक दारोगा को कोतवाली से संबद्ध कर जांच डीसीपी काशी जोन को सौंप दी थी. जांच रिपोर्ट आई तो पांच मई को तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआइ सुशील कुमार, एसआइ महेश कुमार, एसआइ उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कांस्टेबल कपिल देव पांडेय को निलंबित कर दिया गया था.

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