Varanasi News: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को रजिस्टर्ड चिट्ठी भेज कर इस्लामिक आगाज मूवमेंट की ओर से जानमाल की धमकी देने का मामला सामने आया है. लखनऊ के आला अफसरों से इसकी जानकारी मिलने के बाद वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है. कमिश्नरेट की कैंट थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रकरण की पड़ताल शुरू कर दी है. ACJM रवि दिवाकर की सुरक्षा में कुल 9 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है. इसी प्रकार माननीय जिला न्यायाधीश की सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी लगे हुए हैं.
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने मंगलवार को डीजीपी, अपर प्रमुख सचिव गृह और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को शिकायत एक की है. उन्होंने बताया है कि एक रजिस्टर्ड लेटर उनके पास इस्लामिक आगाज मूवमेंट, नई दिल्ली के नाम से आया है. लेटर में लिखा है कि अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं. जस्टिस रवि कुमार दिवाकर ने पत्र लिखकर जानकारी दी है कि धमकी भरे पत्र में कहा गया है, इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं. आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है. फिर आपकी पत्नी और माताश्री को डर कैसा है…? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं. आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है. आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं. कोई भी काफ़िर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता.
रिपोर्ट : विपिन सिंह