Varanasi News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. सीएम योगी ने अपने दौरे की शुरुआत में जंगमबाड़ी मठ पहुंचे. वहां मठ के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि 100 साल की एक लंबी यात्रा यहां के गुरुकुल परंपरा ने पूरी कर शताब्दी समारोह आयोजित कर रहा है. अयोध्या में हर संप्रदाय को मठ और धर्मशाला स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जंगमबाड़ी मठ में संबोधित करते हुए कहा कि दो साल पहले काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आए थे. हम पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीएम के प्रतिनिधि बनकर आए हैं. धर्म से बढ़कर हम भारत के अनुयायी हैं. सीएम योगी ने कहा कि हम सभी महाभारत के अर्जुन की तरह जीवित मात्र हैं. पूरे भारत को प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व मिल रहा है. यही कारण है कि आज नई ऊर्जा के साथ भारत आगे बढ़ रहा है. वैश्विक मंच पर भारत मजबूत हो गया है.
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सीएम योगी ने कहा की जब कोई राष्ट्र सशक्त होता है तो धर्म भी मजबूत होता है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है. एक भारत-सशक्त भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत से जोड़ना होगा. भारत के पंथ और संप्रदाय भारत के विभाजन नहीं बल्कि मंजिल पर पहुंचने के लिए अलग-अलग मार्ग हैं. पूरे देश में हर संप्रदाय के लोगों को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है. 21 जून को पूरी दुनिया विश्व योग दिवस मनाएगी. वैश्विक मंच पर योग को मान्यता दिलाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी हैं.
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी की वजह से काशी विश्वनाथ धाम संवर चुका है. अब यही काम अयोध्या में भी हो रहा है. भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. रामनगरी अयोध्या भी संवर रही है. अयोध्या में देश के हर पंथ और संप्रदाय के अनुयायियों के लिए अपनी धर्मशाला और मठ स्थापित करने के लिए अलग से भूमि आवंटन का काम शुरू होने वाला है. बहुत जल्द इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे. इस जंगमबाड़ी मठ में कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महराष्ट्र समेत तमाम राज्यों से बाबा विश्वनाथ की नगरी में आए श्रद्धालुओं को नमन करता हूं. मठ को प्रदेश सरकार और यहां की जनता हर सहयोग दिया जाएगा.
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बाबा विश्वनाथ के दरबार से कुछ ही दूरी पर जंगमबाड़ी मठ स्थित है. दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के इस मठ के पिछले हिस्से में कैलाश उपवन है. इस उपवन में अनगिनत शिवलिंग स्थापित हैं. इसकी स्थापना दक्षिण भारत के शौर्य वीर संप्रदाय ने की है. इस संप्रदाय में ऐसी मान्यता है कि पूर्वजों की आत्मा भगवान शिव में विलीन हो जाती है. लिहाजा उनकी याद में बाबा भोले भंडारी के प्रिय माह सावन में यदि एक शिवलिंग भी दान किया जाए तो पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है. यहां मान्यता यह भी है कि शिवलिंग स्थापना से पिंडदान भी हो जाता है. साथ में बाबा की पूजा भी.
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काशी को मुक्ति क्षेत्र कहा जाता है. सावन में जंगमबाड़ी मठ का महत्व दक्षिण भारतीय शिव भक्तों के लिए और भी बढ़ जाता है. इसलिए हर साल यहां हजारों की संख्या में दक्षिण भारत से श्रद्धालु आकर इस मठ में शिवलिंग दान करते हैं. इस मंदिर में हर ओर शिव की स्तुति और उनका स्वरूप दिखता है. दक्षिण भारत में रहने वाला हर निवासी यहां एक बार जरूर आना चाहता है. यहां पर लोग आकर अपने कई पीढ़ियों का शिवलिंग दान करते हैं. वीर्य शौर्य धर्म में जितने भी मत होते हैं सबके गुरु जंगम होते हैं. सभी मत के लोग यहां आते हैं. इस जंगमबाड़ी मठ में आकर माता-पिता की आत्मा की शांति के लिए शिवलिंग दान करते हैं.
रिपोर्ट : विपिन सिंह